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कुमाऊँ घाटी की रहस्यमयी झीलें कौन सी हैं...

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| Updated on December 22, 2023 | others

कुमाऊँ घाटी की रहस्यमयी झीलें कौन सी हैं ?

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@ruchikadutta9160 | Posted on December 23, 2018

वैसे तो ये दुनिया ही एक रहस्य है | जहाँ पर कई तरह के लोग और कई प्रजातियाँ हैं | पूरी दुनिया में हर जगह कोई न कोई ऐसा रहस्य छुपा


हुआ है, जिसको जानना बड़ा ही दिलचस्प और रोचक होता है | आज आप को कुमाऊँ घाटी की रहस्यमयी झीलों के बारें में बताते हैं |

कुमाऊँ घाटी की तीन ऐसी झीलें हैं, जो रहस्यों से भरी हुई हैं -

- भीमताल
- सातताल
- नौकुचिया ताल

- भीमताल :-
काठगोदाम से ठीक 10 किलोमीटर की दूरी पर भीमताल स्थित है, वैसे तो लोग इस जगह को पर्यटन स्थल के नाम से जानते है , क्योकि हर दिन यहाँ सैलानियों की अच्छी संख्या में भीड़ जमा होती है पर सब लोग ये नहीं जानते की ये रहस्यमयी झीलों में से एक है | इस ताल की लम्बाई 1674 मीटर , चौड़ाई 447 मीटर , और गहराई 15 से 50 मीटर तक है , और इस झील की गहराई ही इसके रहस्यमय होने का एक कारण है | भीमताल के दो कौने है जिसमे से एक कौने को तल्लीताल और दूसरे कौने को मल्लीताल कहते है |

Article image (Courtesy : विकिपीडिया )

- सातताल -
उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित सात ताल एक बेहद ही खूबसूरत और प्रख्यात झीलों में से एक है, इस ताल तक पहुंचने के लिए
आपको भीमताल से हो कर गुज़ारना होगा | इसे सात झीलों का समहू भी कहा जाता है यह झील भवाली से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। एक साथ सात झीलों का आलौकिक रूप बस यहीं पर देखा जा सकता है| यहाँ पर आप एक अलग प्रकार के सौंदर्य का आभास करेंगे, हरियाली से परी-पूर्ण झीलों का शहर |

Article image (Courtesy :Uttarakhand Tourism )

- नौकुचिया ताल -
नौ छोटे छोटे कौनो से मिलकर यह ताल बानी है , नौकुचिया ताल की ख़ासियत ये है की यहाँ कितनी भी भीड़ हो एक समय
में कितने भी पर्यटक आये हो लेकिन, आपको यहाँ हमेशा मन को शांत करने वाली अलग शान्ति का आभाव होगा |

Article image (Courtesy : सफ़र है सुहाना)

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@kamleshpatel2845 | Posted on December 21, 2023

नमस्कार दोस्तों चलिए आज हम आपको एक बहुत ही अच्छा सवाल का जवाब देने वाले हैं, सवाल यह है कि कुमाऊँ घाटी की रहस्यमई झीले कौन सी है। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में बसा नैनीताल यात्रियों का एक सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हरे भरे पहाड़ों एवं झीलों से छिपा हुआ नैनीताल, प्राकृतिक सुन्दरता का सर्वोत्तम नमूना है।

भीमताल:- इस ताल का नाम ही एक कथा कहता है कि महाभारत के पांडव पुत्रों में दूसरे पुत्र भीम के नाम पर इस झील का नामकरण किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि पांडव अपने वनवास काल में यहां आए थे। भीमताल पर स्थित भीमेश्वर मंदिर महादेव मंदिर अर्थात भीम के इष्ट देव को समर्पित मंदिर,एक छोटा और प्राचीन मंदिर है। मंदिर के उज्जवल रंगों को देखकर इसके प्राचीन होने पर सहसा विश्वास नहीं होता। परन्तु मंदिर परिसर में स्थित बरगद का वृक्ष पर आपकी एक दृष्टि सारी संकाओ को दूर कर देगी।

नौकुचिया ताल :- जैसा कि इसका नाम है नौकुचिया ताल नो कोनो का एक छोटा ताल है। भीमताल से 4 किलोमीटर दूर इस ताल के पग भ्रमण हेतु हम एक संध्या यहां पहुंचते हैं। सूर्यास्त के पहले के सांध्य प्रकाश में हमने इस ताल का एक चक्कर लगाया। इस झील का पर्यटन वातावरण किंचित शांत होते हुए केवल दोनों तरफ कुछ साधारण व्यापारिक गतिविधियां दृष्टिगोचर हुई है। मेरी अभिलाषा थी इस ताल की संपूर्ण चक्कर लगाकर इसके नौ की गणना करना।

सातताल :- सातताल 7 ताल का एक समूह है -

  1. राम ताल
  2. सूखा ताल
  3. सीता ताल
  4. हनुमान ताल
  5. लक्ष्मण ताल
  6. गरुड़ ताल
  7. नल दमयंती ताल

जैसा कि उपरोक्त कुछ तालो से विदित है लोगों की मान्यता है कि राम,लक्ष्मण और सीता ने अपने वनवास के समय इन तालों के समीप कुछ काल बिताया था। सात ताल की विशेषता है कि आपस में जोड़ी ये सर्व ताले मीठे जल की है। इन तालों के नाम एक साथ मिल जाते हैं। बैठने हेतु सुन्दर व्यवस्था एवं सुन्दर पुलों के निर्माण द्वारा सातताल, स्वर्ग सुदृश, सौंदर्य की दृष्टी से सर्वोपरि है।

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