त्वचा शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होता है। क्यूंकि शरीर के भीतरी अंगों की तुलना में त्वचा सीधे बाहरी वातावरण के संपर्क में रहती है। जिसके चलते बाहर की धूप, लू, धूल, मिट्टी, गंदगी, प्रदुषण, बाहरी वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आदि सभी त्वचा को प्रभावित करते हैं। त्वचा के रोग यानी चर्म रोग भी इन्ही सब कारणों की वजह से होता है।चरम रोग अनेकों प्रकार के होते है यहाँ तक की घमौरी भी एक तरह का चार्म रोग माना जाता है।इसके अलावा दाद,डैंड्रफ;घमौरी,सफ़ेद दाग भी चरम रोग का हिस्सा माना जाता है।
- मुहांसे, पिंपल या एक्ने त्वचा पर होने वाली आम समस्या है। जो अक्सर किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण होते है। मुहांसे होने का एक कारण त्वचा में आयल का अधिक उत्पादन भी होता है। जो पोर्स को ब्लॉक कर देता है।
- कई बार बालों में डैंड्रफ होना आम बात समझी जाती है मगर हम में से बहुत सारे लोग इस बात को नहीं जानते है की यह भी एक प्रकार का चर्म रोग है।
- पैरों की दाद एक तरह का संक्रामक रोग है। जो पैरों के अंगूठे और उँगलियों के बीच में होता है। ये समस्या होने पर पैरों की उँगलियों के बीच की जगह मुलायम हो जाती है और खाल उतरने लगती है।
- त्वचा के रोमछिद्रों में होने वाली समस्या जिसे बालोड़ के नाम से भी जाना जाता है कई बार बालतोड़ होने पर पहले त्वचा पर लालिमा आती है और उसके अंदर सूजन आने लगती है। एक-दो दिन बाद उस हिस्से के बीचों-बीच सफ़ेद भाग उभरने लगता है और उसमे पस आ जाता है। बालतोड़ अक्सर चेहरे, गर्दन, अंडरआर्म, कंधे और कूल्हों पर होता है। यह भी एक प्रकार का चरम रोग है।
- डर्मेटाइटिस को एक तरह का स्किन इंफेक्शन कहा जाता है, जो कई प्रकार का होता है। यह तनाव, शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव, वातावरण या किसी चीज से एलर्जी की वजह से होता है।
- सफेद दाग तभी एक प्रकार का चर्म रोग है।यह ज़्यादातर इम्यून सस्टम के कारण, थायराइड, धूप में अधिक रहना, तनाव, केमिकल के सम्पर्क में ज्यादा रहना या अनुवांशिकता के कारण होता है।
- सोरायसिस होने पर त्वचा पर लाल, परत वाले चकत्ते होने लगते हैं। सोरायसिस कोई संक्रामक रोग नहीं है। यह एक बार होने वाली समस्या है जो समय के साथ बढ़ती ही जाती है। इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी के कारण ऐसा होता है।