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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा कि ऐसे देश आतंकवादियों को हथियार, पैसा औऱ संचार सुविधाएं प्रदान करते हैं और उन्होंने मानवता को विनाश से बचाने के लिए सभी देशों से ‘अच्छे और बुरे आतंकवाद’ की सोच से ऊपर उठने का फैसला किया हैं और , आतंकवादी हथियार नहीं बनाते, कुछ देश उन्हें मुहैया करा रहे हैं. वे नोट नहीं छापते, लेकिन कुछ देश निश्चित तौर पर उन्हें यह मुहैया करा रहे हैं. उनके पास दूरसंचार प्रणाली और सोशल मीडिया भी नहीं है, कुछ लोग निश्चित तौर पर उन्हें यह मुहैया करा रहे हैं.” मोदी ने कहा, “कुछ देश…अच्छा आतंकवाद, बुरा आतंकवाद, मेरा आतंकवाद, तुम्हारा आतंकवाद की बात करते हैं. उन्हें इस तरह की विचारधारा से बाहर निकलना चाहिए. यह मानवता की सुरक्षा का मुद्दा है. तभी हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने में सक्षम हो पाएंगे.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन हालात में समय की मांग है कि देश और मानवतावादी ताकतों को इसपर बहस शुरू करनी चाहिए और इस बुराई से लड़ने के लिए साथ आना चाहिए. फोरम में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मौजूदगी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के समक्ष आतंकवाद को लेकर एक प्रस्ताव बीते 40 सालों से पड़ा है.
आतंकवाद की परिभाषा पर अभी भी बहस हो रही है. आतंकवादी कौन है और किसे आतंकवादियों का समर्थक माना जाना चाहिए? दुनिया का विचार उनके बारे में क्या होना चाहिए. 40 वर्ष बीत गए. हर कोई चिंता जता रहा है, लेकिन प्रस्ताव पर कोई चर्चा नहीं हो रही. मैं खुश हूं कि कल राष्ट्रपति पुतिन ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि रूस संयुक्त राष्ट्र में उस प्रस्ताव को उठाएगा.” उन्होंने कहा कि यह केवल यही दर्शाता है कि दुनिया एक-दूसरे पर निर्भर है और एक-दूसरे से परस्पर जुड़ी हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए लागू होता है|
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