चलिए दोस्तों मैं आपको मुरुद जंजीर किला के बारे में बताती हूं। मुझे मुरुद जंजीर किला के बारे में जितनी जानकारी पता है वह मैं आपको देना चाहती हूं मेरे अनुसार मुरुद जंजीर किला लगभग 650 वर्ष पुराना किला है।
मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मुरुद जंजीर किला मलिक अंबर में बनवाया था। चलिए मैं बताती हूं कि मलिक अंबर कौन थे। मलिक अंबर निजाम शाही वंश से थें और अहमदाबाद के सुल्तान की सेवा करते थे। मुरूद्किला को जीतने का प्रयास काफी लोगों ने किया जिनमें से छत्रपति शिवाजी महाराज, वेबैक मशीन,कान्हो जी आग्रे तथा सांभाजी महाराज शामिल है। इन्होंने मुरुद किला को जीतने का काफी प्रयास किया लेकिन वे इस प्रयास में सफल नहीं हो सके और मुरुद किले को नहीं जीत पाए थें।
मुरुद जंजीरा किला एक समुद्री किला है क्योंकि यह समुद्र के बीच में स्थित है। मुरूद् किला एक ऐसा अविश्वसनीय जीवंत जगह है जिसका आप कभी विश्वास ही नहीं कर सकते हैं। मुरुद जंजीर किला दत्तात्रेय मंदिर और मुरुद समुद्र तट जैसी बेहतरीन जगह के लिए प्रसिद्ध है। मुरुद जंजीर किला मजबूत ताटीय किलो में से एक है। किले का द्वार राजपुरी की ओर है और राजपुरी घाट से नौकाये किले तक पहुंचाती है। मुरूद् किला 40 फीट दूर से देखा जा सकता है इसे पास से नहीं देख सकते हैं।
चलिए हम आपको बताते हैं कि मुरुद जंजीरा किला कहां पर स्थित है।
मुरुद जंजीरा किला भारत देश के महाराष्ट्र राज्य के रायगढ़ जिले के मुरुद गांव में स्थित है। जंजीर किला जाने के लिए आपको सबसे पहले मुरुद से ऑटो रिक्शा पकड़िए और आप राजपुरी तक जाइए। जब आप राजपुरी घाट पर पहुंच जाएंगे तो वहां से नाव द्वारा जंजीर किला तक पहुंचाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि राजपुरी घाट से जंजीर किला तक जाने के लिए नाव की किराया ₹20 होती है। अगर आप जंजीर किला को देखना चाहते हैं तो आप सुबह 7:00 से शाम के 6:00 के बीच जाइए अन्यथा यह किला बंद हो जाता है। इसके अतिरिक्त यह किला शुक्रवार को दोपहर 2:00 से बंद हो जाता है।

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