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समय यात्रा को वैज्ञानिक पाखण्ड (छल, ढोंग) माना जाता रहा है। मैं एक स्वतंत्र विचारक होने के डर से इसके बारे में बात करने से बचता रहा हूँ लेकिन इन दिनों मैं इतना सतर्क नही हूँ। वास्तब में मैं उनलोगो की तरह ही हूँ जिन्होंने पाषाणयुग को बनाया था। अगर मेरे पास एक समय मशीन होता तो मैं मर्लिन
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वैज्ञानिक ऐसी ऐसी बाते सोचते है जो की एक आम आदमी के लिए दिमाग के फितूर के अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता। वैसे समय यात्रा एक ऐसा विषय है जो की ज्यादातर फिक्शन मूवीज में देखने को मिलता है। सबसे बड़ा सवाल यहाँ है क्या ये मुमकिन है की नहीं। वैसे यहाँ गौर करने की जरुरत है क्यूंकि गाणितिक और वैज्ञानिक सिद्धांतो के तौर पर यह साबित हो चुका है की समय यात्रा संभव है। हालांकि वास्तविकता में उसे हांसिल करने के लिए अभी काफी रिसर्च और काम करना पड़ सकता है पर यह कतई असंभव नहीं कहा जा सकता।
सौजन्य:विज्ञान पोस्ट
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@letsuser | Posted on
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