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अगर आपको साधारण शब्दों में समझाऊं तो हीं भावना का मतलब होता हैआत्मविश्वास की कमी का भाव जिसे हीनभाव कहा जाता है | दुसरे शब्दों में आप यह भी यह कह सकते है इसका मतलब है ऐसी मानसिक स्थिति है जो इंसान को अंदर से खोखला कर देती है इस स्थिति में हम अपनी समस्याओं की बजाय दूसरों की सफलता देखकर बेवजह ही परेशान होते रहते हैं|अगर यह समस्या बहुत ही ज्यादा बढ़ जाये तो वह एक खतरनाक हीन भावना का रूप ले लेती है|
(courtesy-YouTube)
जो लोग दूसरों के प्रति मन में गलत भाव और गलत धारणा रखते है वह केवल नकारात्मक सोच रखतें है, यही वजह है की लोगों में एक दूसरे के प्रति हीनभावना का भाव पैदा होता है | जिसके कारण आप हमेशा परेशांन रहते है और खुद को तनाव की स्थिति में डाल कर रखते है |
हींन भावना के कारण मन अशांत और चिंतित रह्ता है ऐसे में आप दूसरों के बारें में हर वक़्त गलोट सोचते हो और उनके प्रति घृणा का भाव रखते हो, साथ ही अनावश्यक बातों में अपना ध्यान लगा कर रखते हो |
कभी भी आपको लगे की किसी व्यक्ति में हींन भावना का एहसास है किसी दुसरे इंसान के लिए तो आपको उसे समझाना चाहिए की आप अपने मन को शांत रखें और और अपने अंदर सकरात्मकता का भाव जगाएं साथ ही अपने दैनिक कामों में योग को शामिल करें |
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सिकंदर ने कोई विशेष प्रतिक्रिया या अभिवादन न देख कर कहा: रे मूर्ख डायोजिनीज खुश हो जा क्योंकि तुझसे मिलने विश्वविजेता सिकन्दर आया है।
इस पर डायोजिनीज पहले तो अट्टहास कर के खूब हंसा और कहा:
सिकंदर यह जो विशाल सेना, यह रत्न हीरे जवाहरात और यह टीम टॉम सिर्फ इसलिए है क्योंकि तू अंदर से खाली है, तेरे अंदर की हीनता ही तुझे यह बाहरी चमक दमक और आवरण ओढ़ने के लिए बाध्य करती है। अंदर तो बिल्कुल कुछ नहीं है। और तेरा यही हाल रहा तो तूं कभी भर भी नहीं पायेगा।
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