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प्रदूषण :-
वायु, जल, भूमि के भौतिक रासायनिक, जैविक कारको से उत्पन्न होने वाले आवंछनीय पदार्थों के कारको को प्रदुषण कहा जाता है। जल के कारण विभिन्न प्रकार के आवंछनीय पदार्थ उतपन्न होते है जिसके कारण प्रदूषण उत्पन्न होता है।
पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले अन्य कोई नहीं है मानव भी सम्मलित होता है जैसे कि साफ -सफाई चक्कर मे पेड़ो काटना, स्कूल,होटल बनाने के लिए प्लाट मे जो पेड़ लगे होते है उनको काट कर उसकी जगह होटल बनाते है जिस वजह से प्रदूषण फ़ैल रहा है।
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प्रदूषण पर्यावरण जैव व अजैव संगठनों से निर्मित होता है! पर्यावरण की किसी भी तत्व के भौतिक रासायनिक तत्व और विशेषताओं मे कोई ऐसा परिवर्तन जो मानव प्राणियों के लिए हानिकारक हो वह प्रदूषण कहलाता है!और जल के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है!जिसे मानव पीता है! और इसके कारण बीमार हो जाता है!और पेड़ों की कटाई के कारण मानव को ऑक्सीजन नहीं मिल पता है! जिससे मानव की मृत्यु हो जाती है! और हमें वनों की कटाई पर रोक लगाना चाहिए! जिससे प्रदूषण कम हो!
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
हमारे चारों ओर के फैले हुए वातावरण जैसे - जल, ध्वनि, वायु , भूमि के भौतिक रासायनिक, और जैविक कारको से उत्पन्न होने वाले कुछ आवंछनीय पदार्थों जिसके कारण प्रदूषण उत्पन्न होता है जिसे प्रदुषण कहते है। जल प्रदूषण वह प्रदूषण होता है जिसमें कारखानों से निकलने वाला जल हमारे स्वच्छ जल को दूषित करता है। वायु से निकालने वाला प्रदूषण वायु प्रदूषण कहलाता है यह कारखानों से निकलने वाला धुआं होता है जो हवा के द्वारा लोगों को दूषित करता है।
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प्रदूषण पर्यावरण को दूषित करती करती जा रही है। वायु, भूमि और जल में हानिकारक पदार्थों के मिलने के करण जीवों के साथ - साथ पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है,इसी को हम प्रदूषण कह सकते है। अधिकतर प्रदूषण इंसानों के द्वारा फैलाया जाता हैं प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं जैसे - जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, रेडिओधर्मी प्रदूषण आदि। यही प्रमुख करण हैं प्रदूषण के।
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प्रदूषण- जिसे पर्यावरण प्रदूषण भी कहा जाता है। प्रदूषण पर्यावरण को दूषित करते जा रही है वायु जल भूमि और हानिकारक पदार्थों में मिलने के कारण जीवो के साथ पर्यावरण पर भी गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसी को हम प्रदूषण का सकते हैं प्रदूषण के और भी कई प्रकार होते हैं जैसे:-
जल प्रदूषण:- कारखाने से निकलने वाला दूषित जल जो हमारे स्वच्छ जल को दूषित करता है पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है
वायु प्रदूषण:- वायु प्रदूषण हमारे चारों तरफ कारखाने और फैक्ट्री से निकलने वाला जो धुआं होता है वह धुआँ
विषैला होता है जो हमारी वायु में मिलकर वायु को दूषित करता है वायु प्रदूषण कहलाता है। वायु प्रदूषण के कारण ही लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है।
मृदा प्रदूषण:- मृदा प्रदूषण में वह प्रदूषण कहलाता है जो हमारी मिट्टी में नए-नए रासायनिक उर्वरक डाले जाते हैं वह हमारी मिट्टी को दूषित कर देते हैं मृदा प्रदूषण कहलाता है।
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प्रदूषण की परिभाषा:-
प्रदूषण लैटिन भाषा के प्रदूषक से आया है प्रदूषण का सीधा अर्थ होता है दूषित होना। और यदि हम आम शब्द में प्रदूषण की परिभाषा कहे तो प्रदूषण एक ऐसी चीज है जो हमारे पूरे वातावरण को दूषित करती है।प्रदूषण की वजह से आज हमारा वातावरण इतना दूषित हो गया है कि जिस वजह से मनुष्य अच्छी तरह से सांस लेने में असमर्थ है।
प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं।
जल प्रदूषण
वायु प्रदूषण
ध्वनि प्रदूषण
मृदा प्रदूषण
रेडियोधर्मी प्रदूषण
प्रदूषण को कम करने के उपाय
प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
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