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मनोविज्ञान क्या है?


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मनोविज्ञान:- मनोविज्ञान संपूर्ण मानव व्यवहार का अध्ययन है मनुष्य के भीतर होने वाली मानसिक घटनाओं का सूक्ष्म अध्ययन मनोविज्ञान के अध्ययन का आधार है। मानव व्यवहार प्राकृतिक अर्जित दोनों है इसलिए मनोविज्ञान के अंतर्गत इन दोनों का वैज्ञानिक रूप से अध्ययन किया जाता है।

पहले मनोविज्ञान को दर्शनशास्त्र का अंग माना जाता था समय के साथ मनोविज्ञान का स्वरूप भी बदलता गया और कुछ वर्ष पूर्व यह एक स्वतंत्र विषय के रूप में अस्तित्व मैं आया।

इस शाब्दिक अर्थ के अनुसार मनोविज्ञान का अर्थ है आत्मा के संबंध में अध्ययन करने वाला विषय प्राचीन दार्शनिक जिनमें से अरस्तु और प्लेटों के नाम अधिक प्रसिद्ध है।मनोविज्ञान को आत्मा का अध्ययन का विषय माना जाता है।शताब्दी से मनोविज्ञान का अध्ययन होता आ रहा है।

मनोचिकित्सा के अनुसार तनाव का लोगों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा तनाव के कारण लोग या तो खुद को नुकसान पहुंचाते हैं या तो दूसरों को नुकसान पहुंचाने कोशिश करते हैं।Letsdiskuss

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साइकोलॉजी ग्रीक भाषा के दो शब्दों ‘साइको’ अर्थात् आत्मा तथा लोगोस अर्थात् विज्ञान से मिल कर बनाया गया है | जिसे आधुनिक परिवेश में मनोविज्ञान के नाम से भी जाना जाता है। अगर साधारण शब्दों में समझाऊ तो आत्मा एवं मन का विज्ञान को मनोविज्ञान कहा गया है |


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जिसमें व्यावहारिक और गहन चिंता का विषय है, जिसके द्वारा आप हर उम्र के व्यक्ति के मन की बात सहजता से जान सकते हैं। आज की तनाव भरी, तेज रफ्तार एवं प्रतिस्पर्धायुक्त जिन्दगी में इन्सान जहां हंसना-खेलना तक भूल गया है, और डिप्रेशन एवं आत्महत्या जैसे कदम उठाने में भी नहीं हिचकिचाता, ऐसे में मनोविज्ञान उसके लिये किसी वरदान से कम नहीं है। जब किसी भी व्यक्ति को आम आदतों से जूझना पड़ता है और रोज़ाना के काम परेशानी बन जाते है ऐसे में मनोविज्ञान या मनोचिकित्षक काम आता है |
यहाँ तक की मनोविज्ञान के अनुसार मनुष्य के दिमाग मे 24 घण्टे हलचल रहती है। दिमाग किसी न किसी काम मे, सोच मे या किसी सपने को बुनने मे निरंतर लगा रहता है और जब इन सब चीजों के बीच हमारे दिमाग मे अशांति पैदा होती है और हम खुद की सोच पर काबू नहीं कर पातें ता यह अशांति झगड़े की वजह बनती है।
मनोचिकित्सक के अनुसार तनाव का लोगो पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है । तनाव के कारण लोग या तो खुद को नुकसान पहुचाते है, या तो दूसरों को नुकसान पहुचाने की कोशिश करते है ।
मनोविज्ञान इस बात का भी दावा करता है की Observation या टीवी देखने से भी छोटी छोटी सी बातो को लेकर लड़ने की प्रव्रत्ति लोगो मे आती है । और तो और अपनी बात साबित करने के लिए भी लोग लड़ पड़ते है ।



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