ताजमहलउत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है। ताजमहल को शाहजहां ने बनवाया था उसने अपनी तीसरी बेगम मुमताज की मजार को ताजमहल का नाम दिया।
मुमताज ने मरने से पहले मकबरे की ख्वाहिश रखी थी उसी की इसी इच्छा को शाहजहां ने ताजमहल को बनवा कर किया।
ताजमहल कों बनवाने के लिए शाहजहां ने बगदाद और तुर्की से कारीगरो को बुलवाया था।
ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनवाया ,चारो कोनो मे चार मीनार खड़ी की।
बगदाद के कारीगरो ने ताजमहल पर घुमावदार अक्षरों को तराशा था।
तुर्की के कारीगरो ने ताजमहल में गुंबदो का निर्माण किया था।
बुखारा के कारीगरो ने संगमरमर के पत्थर पर फूलो को तराशने का काम किया था।
ताजमहल को बनाने मे लगभग 20 हजार करीगरो का योगदान था। इसे बनने में करीब 22 साल लग गए थे।
ताजमहल की ऊँचाई लगभग 240 फीट है।
ताजमहल की खूबसूरती को देखने के लिए दुनिया भर से लाखो लोग यहाँ आते है।
इसको बनवाने में 3.2 करोड़ रुपये का खर्चा हुआ था।
ताजमहल दिल्ली के कुतुब मीनार से बड़ा है। कुतुबमीनार की ऊँचाई 239 फीट ही है।
ताजमहल को 1983 मे विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। इसकी ऐसी बनावट है कि भूकंप आने पर भी चारो और की मीनारे गुंबद पर नही गिर सकती। ताजमहल 42 एकड़ की जमीन पर बना हुआ है।
इसे बनाने में अलग अलग किस्म के लगभग 28 तरह के पत्थरो का प्रयोग किया गया था जो तिब्बत, अफगानिस्तान, मिश्र, रूस और ईरान आदि देशों से मंगवाए गए थे।
ताजमहल दिन के हर समय अलग अलग रंग का दिखाई देता है जैसे सुबह अलग ,शाम को अलग और रात में अलग। ताजमहल को दुनिया के सात अजुबो में से एक माना जाता है। इसी कारण इसे देखने के लिए देश - विदेशो से हर साल 2 लाख से ज्यादा सैलानी पहुँचते है।
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