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राहुल श्रीवास्तव

Accountant, (Kotak Mahindra Bank) | Posted on | Health-beauty


नवजात शिशु में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो क्या करना जरुरी है ?


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Occupation | Posted on


नवजात शिशु यानि की 1-2 महीने के छोटे बच्चो को बुखार होना, सिर दर्द, शरीर मे लम्बे समय से दर्द होना,तेज ठंड लगाना, गला खराब होना, उल्टी दस्त होना,खांसी आना आदि जैसे लक्षण बच्चो के अंदर दिखाई दे तो स्वाइन फ़्लू के लक्षण है। और नवजात शिशुओ को स्वाइन फ़्लू होने पर इलाज के लिए बच्चो को डॉक्टर के पास लेकर जाए ताकि बच्चो का इलाज समय से शुरू किया जा सके।Letsdiskuss


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स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाती है ऐसे में यदि नवजात शिशु को स्वाइन फ्लू हो जाता है तो आपको कौन कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए यहां पर हम आपको बताने जा रहे हैं।

यदि किसी बच्चे को स्वाइन फ्लू की बीमारी हो जाती है तो आप उसे स्वाइन फ्लू का इंजेक्शन लगवा सकते हैं इससे स्वाइन फ्लू का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा बच्चे को समय-समय पर पानी पिलाते रहे ताकि उसके शरीर में पानी की कमी ना हो। बच्चे को लोगों को संपर्क में ना ले जाएं क्योंकि इससे स्वाइन फ्लू का खतरा और अधिक बढ़ सकता है।Letsdiskuss


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Fitness trainer,Fitness Academy | Posted on


आज कल जहाँ स्वाइन फ्लू के कारण बहुत से लोग परेशान हैं, वहीं यह बीमारी बढ़ती जा रही है | स्वाइन फ्लू एक ऐसी बीमारी है जो नाक, गले, श्वासनली और ब्रांकाई को प्रभावित करती है | यह रोग किसी को भी हो सकता है, बच्चे या बड़े कोई भी हो इस बीमारी से पीड़ित हो सकता है| आप नवजात शिशु में इस बीमारी के लक्षण और उपाय जानना चाहते हैं | आइये जानते हैं शिशु में स्वाइन फ्लू के लक्षण और उपाय क्या हैं ?


शिशु में स्वाइन फ्लू के लक्षण -
- मुख्य रूप से बुखार, खांसी, गले में खराश और नाक का बहना |
- लगातार बुखार बना रहना |
- मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द जिसके कारण बच्चे अक्सर रोते रहते हैं।

Letsdiskuss (Courtesy : Onlymyhealth )

कैसे पता किया जाएं कि शिशु को स्वाइन फ्लू है ?
यदि आपके आस-पास फ्लू फैला हुआ है, और उसके बाद आपके शिशु को बुखार आ रहा है तो इसका साथ-साथ मतलब यह है कि आपका बच्चा स्वाइन फ्लू का शिकार है | इसके लिए आपको फिर किसी विशेष परिक्षण की आवश्यकता नहीं तुरंत आप
अपने बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं | फ्लू के समय थोड़ी सी भी लापरवाही शिशु के जीवन को खतरे में डाल सकती है |

किन बातों का ध्यान रखें ?
- शिशु में स्वाइन फ्लू का संक्रमण हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज़ शुरू करें |

- इस बात का विशेष ध्यान देना होगा कि शिशु को स्वाइन फ्लू है या नहीं और अगर है तो वह कितनी मात्रा में है ताकि उससे संबधित इलाज़ में दवाइयां कितनी दी जाएं |

- गंभीर स्वाइन फ्लू में बच्चे को जितना बुखार होता है उतनी ही मात्रा में उसको खांसी-जुकाम होता है | इसके लिए सफाई का ध्यान दें |

- शिशु में स्वाइन फ्लू के के बाद शारीरिक कमजोरी आ सकती है जिसके लिए शिशु के आहार में सही और पौष्टिक चीज़ों को शामिल करें |

(Courtesy : Dainik Bhaskar )

- बच्चे को इस बीमारी में सांस लेने में तकलीफ हो सकती है इसके लिए हमेशा nasal spry अपने पास रखें |

- अगर आपके बच्चें में स्वाइन फ्लू अधिक मात्रा में हो जाएं तो उसकी रोकथाम के लिए आप अपने बच्चे स्वाइन फ्लू से बचने के लिए इंजेक्शन लगवा सकते हैं |

- बच्चे को समय-समय पर पानी पिलाते रहें, शरीर में पानी की कमी बच्चे के लिए जानलेवा हो सकती है |

- बच्चे को बाहर न घुमाएं और न ही अधिक लोगों के संपर्क में आने दें |

- बच्चे को अकेला न छोड़ें |

- बच्चे के लिए जिस भी टॉवेल का प्रयोग करें उसको किसी और को न छूने दें और साथ ही अपने हाथ हमेशा साफ़ रखें ताकि बच्चे को कोई संक्रमण न हो |

(Courtesy : onlymyhealth.com )


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