सोने का सही तरीका क्या है - letsdiskuss
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abhishek rajput

Net Qualified (A.U.) | Posted on | Education


सोने का सही तरीका क्या है


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आज हम आपको सोने के तरीके के बारे में बताने जा रहे हैं कि आपको किस ओर मुंह करके सोना चाहिए सही तरीके से सोने से ना केवल तनाव कम होता है बल्कि सेहत भी अच्छी रहती है और व्यक्ति धनवान भी बना रहता है हम आपको सोने के कुछ आसान तरीके बताते हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा को बहुत ही शुभ माना गया है हमें उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोना चाहिए इससे सकारात्मकता और एकाग्रता बढ़ती है और पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोना भी शुभ माना जाता है इससे यश कीर्ति में बढ़ोतरी होती है।

हमें कभी भी झूठे मुंह नहीं सोना चाहिए सोने से पहले हमेशा हाथ पैर को पानी से धो लेना चाहिए।

शास्त्रों में कहा गया है कि कभी भी टूटी खटिया पलंग में नहीं सोना चाहिए और गंदे बिस्तर पर भी नहीं सोना चाहिए।Letsdiskuss


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student | Posted on


पिठ के बगल सोना सबसे सही होता है


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Net Qualified (A.U.) | Posted on


शयन के नियम

1. सूने तथा निर्जन घर में अकेला नहीं सोना चाहिए। देव मन्दिर और श्मशान में भी नहीं सोना चाहिए। (मनुस्मृति)

2. किसी सोए हुए मनुष्य को अचानक नहीं जगाना चाहिए। (विष्णुस्मृति)

3. विद्यार्थी, नौकर औऱ द्वारपाल यदि ये अधिक समय से सोए हुए हों, तो इन्हें जगा देना चाहिए। (चाणक्यनीति)

4. स्वस्थ मनुष्य को आयुरक्षा हेतु ब्रह्ममुहुर्त में उठना चाहिए। (देवीभागवत) बिल्कुल अँधेरे कमरे में नहीं सोना चाहिए। (पद्मपुराण)

5. भीगे पैर नहीं सोना चाहिए। सूखे पैर सोने से लक्ष्मी (धन) की प्राप्ति होती है। (अत्रिस्मृति) टूटी खाट पर तथा जूठे मुँह सोना वर्जित है। (महाभारत)

6. नग्न होकर/निर्वस्त्र नहीं सोना चाहिए। (गौतम धर्म सूत्र)

7. पूर्व की ओर सिर करके सोने से विद्या, पश्चिम की ओर सिर करके सोने से प्रबल चिन्ता, उत्तर की ओर सिर करके सोने से हानि व मृत्यु तथा दक्षिण की ओर सिर करके सोने से धन व आयु की प्राप्ति होती है। (आचारमय़ूख)

8. दिन में कभी नहीं सोना चाहिए। परन्तु ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोया जा सकता है। (दिन में सोने से रोग घेरते हैं तथा आयु का क्षरण होता है)

9. दिन में तथा सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सोने वाला रोगी और दरिद्र हो जाता है। (ब्रह्मवैवर्तपुराण)

10. सूर्यास्त के एक प्रहर (लगभग 3 घण्टे) के बाद ही शयन करना चाहिए।

11. बायीं करवट सोना स्वास्थ्य के लिये हितकर है।

12. दक्षिण दिशा में पाँव करके कभी नहीं सोना चाहिए। यम और दुष्ट देवों का निवास रहता है। कान में हवा भरती है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है, स्मृति- भ्रंश, मौत व असंख्य बीमारियाँ होती है।

13. हृदय पर हाथ रखकर, छत के पाट या बीम के नीचे और पाँव पर पाँव चढ़ाकर निद्रा न लें।

14. शय्या पर बैठकर खाना-पीना अशुभ है।

15. सोते सोते पढ़ना नहीं चाहिए। (ऐसा करने से नेत्र ज्योति घटती है )

16. ललाट पर तिलक लगाकर सोना अशुभ है। इसलिये सोते समय तिलक हटा दें।

इन १६ नियमों का अनुकरण करने वाला यशस्वी, निरोग और दीर्घायु हो जाता है।

नोट :- यह सन्देश जन जन तक पहुँचाने का प्रयास करें। ताकि सभी लाभान्वित हों !

जय सनातन धर्म,जय सनातन संस्कृति और शिक्षा।

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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on


हमें हमेशा पूर्व और पश्चिम की दिशा में सिर करके सोना चाहिए इससे हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और सुबह सूर्य उदय होने से पहले उठ जाना चाहिए ! हमारे बड़ों और वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य उदय होने से पहले बिस्तर से उठ जाने से हमें कोई भी रोग बाधा नहीं हो सकती है ! सुबह उठने से हमारा मन शांत रहता है. हमें हमेशा बाई करवट लेकर ही सोना चाहिए ! Letsdiskuss


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student | Posted on


क्या आप अपनी पीठ, बाजू या पेट के बल सोते हैं? आपके पास एक पसंदीदा नींद की स्थिति हो सकती है, या आप इसे अभी और फिर बदल सकते हैं। और अगर आप गर्भवती हो जाती हैं, या कुछ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो आपके सोने का तरीका कभी-कभी बदल सकता है। उन मामलों में, आपकी नींद की मुद्रा सही होने से आपके जागने पर महसूस करने के तरीके में बड़ा बदलाव आ सकता है। क्या आप अपनी स्थिति के लिए सबसे अच्छी नींद की स्थिति चुन रहे हैं?
गलत तरीके से सोने से गर्दन या पीठ में दर्द हो सकता है। यह आपके फेफड़ों में वायुमार्ग को भी बाधित कर सकता है, जिससे अवरोधक स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ शोध यह भी बताते हैं कि गलत नींद की स्थिति आपके मस्तिष्क से विषाक्त पदार्थों को धीरे-धीरे बाहर निकालने का कारण बन सकती है। यह जानने के लिए पढ़ते रहें कि आपके सोने का तरीका आपके स्वास्थ्य पर कई तरह से असर डाल सकता है।

क्या आप अपने पेट पर सोते हैं?
लगभग 7% लोग अपने पेट के बल सोते हैं। इसे कभी-कभी प्रवण स्थिति कहा जाता है। यह आपके वायुमार्ग से मांसल अवरोधों को हटाकर खर्राटों को कम करने में मदद कर सकता है। लेकिन इस स्थिति में सोने से अन्य चिकित्सा स्थितियां बढ़ सकती हैं।
जब आप पेट के बल सोते हैं तो आपकी गर्दन और रीढ़ एक तटस्थ स्थिति में नहीं होती हैं। इससे गर्दन और पीठ में दर्द हो सकता है। पेट की नींद नसों पर दबाव डाल सकती है और सुन्नता, झुनझुनी और तंत्रिका दर्द का कारण बन सकती है।
यदि आप एक पेट स्लीपर हैं, तो नींद की दूसरी स्थिति चुनना सबसे अच्छा है। यदि आप इस आदत को नहीं तोड़ सकते हैं, तो अपने माथे को तकिये पर रखें ताकि आपका सिर और रीढ़ एक तटस्थ स्थिति में रहे और आपके पास सांस लेने के लिए जगह हो।


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