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निलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है?

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Anushka

| Updated on August 26, 2024 | news-current-topics

निलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है?

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@kamleshpatel2845 | Posted on February 5, 2024

नमस्कार करण राठौर जी, आपका सवाल यह है कि नीलावंती ग्रंथ का क्या रहस्य है। तो चलिए आज हम आपके सवाल का जवाब देते हैं। तो चलिए हम सबसे पहले हम आपको यह बताते हैं कि नीलावंती ग्रंथ क्या होता है और इसके बाद इसके रहस्य के बारे में हम आपको पूरी जानकारी के साथ बताएंगे।

 

नीलावंती ग्रंथ:- नीलावंती ग्रंथ एक प्राचीन हिंदी ग्रंथ है, जिसे सन 1733 में मुंशी भवानी दास ने लिखा था। नीलावंती ग्रंथ को एक रहस्य में ग्रंथ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस ग्रंथ को पढ़ने से पशु पक्षियों की भाषा में समझ आ जाता है और गड़े हुए स्तंभ का पता लग जाता है।

 

हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि यह ग्रंथ स्थापित है और इसे पढ़ने से मृत्यु हो जाती है। नीलावंती ग्रंथ एक दुर्लभ एवं महत्वपूर्ण ग्रंथ है। यह ग्रंथ, तंत्र - मंत्र ज्योतिष, आयुर्वेद,वास्तु और अन्य विषयों पर जानकारी प्रदान करता है। यह ग्रंथ एक राजा को समर्पित है, जिसका नाम था 'नीलज' और इसलिए इसे "नीलावंती" कहा जाता है।

 

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तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि नीलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है -

जैसा कि आप सभी जानते हैं इसे पढ़ने के बारे में विभिन्न मत है। कुछ लोग इसे एक प्रमुख मंत्र ग्रंथ मानते हैं और उसके महत्वपूर्णता को स्वीकार करते हैं। वे यह मानते हैं की नीलावंती ग्रंथ विभिन्न तंत्र मंत्र और ज्योतिष विद्याओ के सूत्रों का संग्रह है और इसे पढ़कर एक व्यक्ति अनेक समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकता है।हालांकि इसके समर्थकों के अलावा कुछ लोग इसे एक व्यक्ति के धार्मिक और सामाजिक जीवन के लिए अनुचित और असुविधाजनक मानते हैं। क्योंकि इसमें मौजूद कुछ ऐसी बातें हैं जो आम धार्मिक भावनाओं के विपरीत है।

अब आपको तो जानकारी हुई गई होगी कि नीलावंती किसे कहते हैं और इसका रहस्य क्या है।

 

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@sonamsingh1730 | Posted on February 6, 2024

क्या आप जानते हैं कि नीलावंती ग्रंथ का रहस्य क्या है यदि आप जानते हैं तो अच्छी बात है और यदि आप नहीं जानते हैं तो चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं।

 

यहां पर मैं आपको बताने वाली हूं नीलावंती ग्रंथ का रहस्य:-

जैसा कि आप सभी जानते हैं भारत ग्रंथों,महाकाव्यों का देश है। आदिकाल से विभिन्न भाषाओं लिपियों में अनगिनत ग्रंथ लिखे गए हैं। और जिन्हें आज भी लोग पढ़ कर मार्गदर्शन पाते हैं। हमारे देश में एक ऐसा शापित ग्रंथ भी हुआ है इसके बारे में कहा जाता है कि उसे पढ़ने वाले व्यक्ति की या तो मौत हो जाती है या तो वह पागल हो जाता है। जी हां दोस्तों इस शापित ग्रंथ का नाम है नीलावंती ग्रंथ।

 

यक्षिणी ने लिखा था नीलावंती ग्रंथ को :-

नीलावंती ग्रंथ को एक नीलावंती नाम की यक्षिणी ने लिखा था। लेकिन लिखने के बाद किसी कारण व श्राप दे दिया था कि जो भी व्यक्ति इस ग्रंथ को बुरी नीयत से पड़ेगा उसकी मृत्यु हो जाएगी। और हां यदि जो व्यक्ति नीलावंती ग्रंथ को अधूरा पड़ेगा वह पागल हो जाएगा। या फिर उसे व्यक्ति का मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा। मैं आपको बता दूं कि नीलावंती ग्रंथ को लेकर यह मीत आम तौर पर महाराष्ट्र समेत दक्षिणी भारत में प्रचलित है।

 

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चलिए जानते हैं कि ऐसा क्या है नीलावंती ग्रंथ में :-

नीलावंती ग्रंथ एक ऐसा ग्रंथ है इसके अध्ययन से व्यक्ति पशु पक्षियों से बात करने में सक्षम हो सकता है। या किसी गडे हुए खजाने का पता लगा सकता है। लेकिन इस ग्रंथ को मिले श्राप के कारण ऐसा संभव नहीं हो पता है।

 

नीलावंती ग्रंथ का रहस्य हम आपको बताते हैं:-

जैसा कि मैं आपको बताया कि इस किताब को यक्षिणी द्वारा लिखा गया है। इस किताब में जितने भी तंत्र,मंत्र,यंत्र और उपाय लिखे हुए हैं वह सभी भूत प्रेत जिन्न आदि के बताए हुए थे ये किताब शापित मानी गई है।

 

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@diyarajput6768 | Posted on August 26, 2024

निलावंती ग्रंथ का रहस्य: एक रहस्यमय प्राचीन ग्रंथ की कहानी


निलावंती ग्रंथ, भारतीय साहित्य का एक अत्यंत रहस्यमय और दुर्लभ ग्रंथ है, जिसे लेकर अनेक कहानियाँ और रहस्य जुड़े हुए हैं। इस प्राचीन ग्रंथ के बारे में कहा जाता है कि इसका अध्ययन करने वाले व्यक्तियों को मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिससे इसकी रहस्यमयता और भी बढ़ जाती है। यह लेख निलावंती ग्रंथ के इतिहास, इसकी विशेषताओं, और इससे जुड़े रहस्यों का विस्तृत वर्णन करेगा।

निलावंती ग्रंथ का रहस्य: एक रहस्यमय प्राचीन ग्रंथ की कहानी


निलावंती ग्रंथ का परिचय


निलावंती ग्रंथ एक ऐसा प्राचीन ग्रंथ है जिसे तंत्र साहित्य का हिस्सा माना जाता है। इस ग्रंथ के बारे में कहा जाता है कि इसे पढ़ने वाले व्यक्ति पर भयानक मानसिक प्रभाव पड़ते हैं। यह ग्रंथ भारतीय साहित्य में बहुत कम जाना जाता है, और इसके बारे में उपलब्ध जानकारी भी बहुत सीमित है।

इस ग्रंथ के बारे में मान्यता है कि यह एक प्रकार का ‘मारण तंत्र’ है, जिसे पढ़ने से व्यक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। यह ग्रंथ संस्कृत भाषा में लिखा गया है, और इसमें तंत्र के गूढ़ रहस्यों का वर्णन किया गया है। निलावंती नामक महिला के बारे में कहा जाता है कि वह इस ग्रंथ की रचयिता थी और उसने इसे अपने अनुभवों के आधार पर लिखा था।


निलावंती ग्रंथ का इतिहास


निलावंती ग्रंथ का इतिहास अज्ञात है, और इस पर कोई निश्चित जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसके रचयिता और समय के बारे में भी कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। इस ग्रंथ के बारे में जो भी जानकारी उपलब्ध है, वह ज्यादातर किंवदंतियों और मौखिक परंपराओं पर आधारित है।कहा जाता है कि निलावंती ग्रंथ का रचना काल मध्यकालीन भारत का हो सकता है, जब तंत्र और मंत्रों का प्रचलन उच्च स्तर पर था। इस ग्रंथ के बारे में सबसे अधिक चर्चा इसके रहस्यमय प्रभावों के कारण होती है, और यही कारण है कि इसे एक खतरनाक और दुर्लभ ग्रंथ माना जाता है।

 

निलावंती ग्रंथ

निलावंती ग्रंथ की संरचना


निलावंती ग्रंथ की संरचना बहुत जटिल और गूढ़ है। इसमें मंत्र, तंत्र, और यंत्रों का विवरण दिया गया है, जो तांत्रिक क्रियाओं में उपयोग किए जाते हैं। इस ग्रंथ में विभिन्न प्रकार की तांत्रिक विधियों का उल्लेख है, जिनका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।इस ग्रंथ में विशेष रूप से मारण तंत्र का वर्णन किया गया है, जिसे शत्रुओं को नुकसान पहुँचाने के लिए प्रयोग किया जाता है। मारण तंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और खतरनाक विधि है, जिसका गलत तरीके से उपयोग करने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।


निलावंती ग्रंथ से जुड़ी रहस्यमयी घटनाएँ


निलावंती ग्रंथ के साथ जुड़ी कई रहस्यमयी घटनाएँ और कहानियाँ भी प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इस ग्रंथ का अध्ययन करने वाले कई विद्वानों और तांत्रिकों ने असामान्य घटनाओं का अनुभव किया है। इनमें से कई घटनाएँ इतनी भयावह थीं कि लोगों ने इस ग्रंथ का अध्ययन बंद कर दिया।

इस ग्रंथ से जुड़े एक प्रसिद्ध किस्से में कहा जाता है कि एक तांत्रिक ने इस ग्रंथ का अध्ययन किया और उसमें वर्णित विधियों का प्रयोग किया। इसके बाद उस तांत्रिक की मानसिक स्थिति खराब हो गई, और उसने आत्महत्या कर ली। इसी तरह, कई अन्य लोगों ने भी इस ग्रंथ का अध्ययन करने के बाद असामान्य घटनाओं का सामना किया है, जिससे इसकी खतरनाक छवि बनी हुई है।


निलावंती ग्रंथ का प्रभाव


निलावंती ग्रंथ का प्रभाव उसके अध्ययन करने वाले व्यक्ति पर भारी पड़ सकता है। इस ग्रंथ में वर्णित तांत्रिक विधियाँ अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती हैं, और इन्हें प्रयोग में लाने से व्यक्ति के जीवन में अनचाही समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।कहा जाता है कि इस ग्रंथ का अध्ययन करने से व्यक्ति मानसिक विकारों का शिकार हो सकता है। इसके साथ ही, यह भी कहा जाता है कि इस ग्रंथ का प्रयोग करने वाले व्यक्ति के परिवार और करीबी लोगों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


निलावंती ग्रंथ के प्रति समाज का दृष्टिकोण


निलावंती ग्रंथ को लेकर समाज में विभाजन की स्थिति है। कुछ लोग इसे एक खतरनाक और वर्जित ग्रंथ मानते हैं, जिसे पढ़ना या उसका अध्ययन करना वर्जित है। वहीं, कुछ लोग इसे एक गूढ़ ज्ञान का स्रोत मानते हैं, जिसमें तांत्रिक रहस्यों का भंडार छिपा हुआ है।

हालाँकि, इसकी खतरनाक छवि के कारण अधिकांश लोग इस ग्रंथ से दूर रहते हैं, और इसे एक रहस्यमय और दुर्लभ ग्रंथ के रूप में ही जानते हैं। इस ग्रंथ के प्रति समाज का दृष्टिकोण इससे जुड़े रहस्यों और कहानियों के कारण और भी जटिल हो गया है।


निष्कर्ष


निलावंती ग्रंथ भारतीय तंत्र साहित्य का एक महत्वपूर्ण और रहस्यमय ग्रंथ है। इसकी संरचना और विषयवस्तु इसे अन्य ग्रंथों से अलग और विशेष बनाती है। हालाँकि, इससे जुड़े रहस्यों और खतरों के कारण इसे एक खतरनाक ग्रंथ माना जाता है, और अधिकांश लोग इससे दूरी बनाकर रखते हैं।

इस ग्रंथ के बारे में जो कहानियाँ और घटनाएँ प्रचलित हैं, वे इसे और भी रहस्यमय बनाती हैं। चाहे यह ग्रंथ वास्तव में खतरनाक हो या नहीं, लेकिन यह स्पष्ट है कि निलावंती ग्रंथ के रहस्य ने इसे एक ऐसा स्थान दिया है जो सदियों से लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

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