Marketing Manager (Nestle) | Posted on | Astrology
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क्या आप जानते हैं आमलकी की एकादशी क्या है नहीं जानते होंगे तो आज मैं आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताती हूं कि आम लकी एकादशी का महत्व क्या है आमलकी एकादशी में आवाले का विशेष महत्व है इस दिन पूजन से लेकर भोजन तक हर कार्य में आवाले का उपयोग होता है इस दिन सुबह उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प करना चाहिए व्रत का संकल्प लेने के बाद स्नान आदि से निर्वत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा करना चाहिए घी का दीपक जलकर विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें
पूजा के बाद आंवला के वृक्ष के नीचे नारद नियुक्त कलश स्थापित करना चाहिए अगर आवाले का व्रत उपलब्ध नहीं हो तो आवाले का फल भगवान विष्णु को प्रसाद स्वरूप अर्पित करें आँवला के वृक्ष का धूप दीप चंदन रोली पुष्प अक्षत आदि से पूजन कर सकते उसके नीचे किसी गरीब जरूरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए।
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Astrologer,Shiv shakti Jyotish Kendra | Posted on
हिन्दू धर्म में 24 एकादशी आती है | हर महीने में 2 एकदशी आती है जिनका अपना अलग महत्व होता है | आज हम आमलकी एकादशी व्रत के महत्व के बारें में जानते हैं | इस आमलकी एकादशी 17 मार्च को मनाई जा रही है | इसको अमला एकादशी भी कहा जाता है | यह फाल्गुन के शुक्ल पक्ष में आती है |
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दोस्तों अपने आमलकी एकादशी के बारे में तो सुना ही होगा आज इस पोस्ट में हम आपको आमलकी एकादशी व्रत के महत्व को बताएंगे इस एकादशी में आवल के पेड़ का विशेष महत्व होता है एकादशी में रात्रि जागरण करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं हर एक एकादशी का अपना एक अलग ही महत्व होता है आमलकी एकादशी व्रत के प्रभाव से सड़क जीवन मरण से मुक्ति मिलती है और विष्णु लोक की प्राप्ति होती है इस एकादशी को आंवला एकादशी और रंग भरी एकादशी भी कहा जाता है इस व्रत में कथा के बिना आपको फल की प्राप्ति नहीं हो सकती है ऐसा कहा जाता है कि आमलकी एकादशी को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी में दोनों ही आंवला के पेड़ में निवास करते हैं आमलकी एकादशी के दिन वाला के पेड़ की पूजा अर्चना और परिक्रमा करने से श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों ही प्रसन्न होते हैं इससे धन दौलत में बढ़ोतरी होती है और पुण्य की भी प्राप्ति होती है।
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आमलकी एकादशी व्रत का महत्व- आमलकी एकादशी में आंवले का विशेष महत्व है इस दिन पूजन से लेकर भोजन तक हर कार्य में आंवले का उपयोग होता है इस दिन सुबह उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत संकल्प करना चाहिए व्रत का संकल्प लेने के बाद स्नान और निवृत्त होकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए अगर आवले का वृक्ष उपलब्ध नहीं हो तो आवले का फल भगवान विष्णु के प्रसाद में स्वरूप अर्पित करें आंवले के वृक्ष धूप दीप चंदन रोली पुष्प अक्षत आदि से पूजा करें उसके नीचे किसी गरीब को जरूरतमंद व्यक्ति ब्राह्मण को भोजन करना चाहिए अपने व्रत को सफलता के लिए भगवान विष्णु से सच्चे हृदय से अपनी मनोकामना पूरी होने के कामना करें जब तक आपका पूजन समाप्त न हो तब तक ओम नमो भगवते वासुदेव का जाप करते रहे आपकी पूजा जरूर सफल होगी
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आज हम आपको बताने जा रहे हैं अमलकी एकादशी व्रत का क्या महत्व होता है आप सभी ने अमलकी एकादशी का नाम तो सुना ही होगा,इसे आंवला एकादशी और रंग भरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है इस दिन आवाले का पूजन करने का विशेष महत्व बताया गया है पुराणों में बताया गया है कि आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी अवले के पेड़ में निवास करते हैं यही वजह है कि इस दिन जो लोग आमलकी एकादशी व्रत करता है और अवल के पेड़ की पूजा करता है तो माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु जी प्रसन्न होते हैं जो व्यक्ति इस व्रत को करता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके धन आदि में बढ़ोतरी होती है, मोक्ष की प्राप्ति होती है स्वर्ग प्राप्त होता है।
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