वैशाख पूर्णिमा का क्या महत्व है? - letsdiskuss
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Marketing Manager | Posted on | Astrology


वैशाख पूर्णिमा का क्या महत्व है?


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वैशाख पूर्णिमा का महत्व :- जैसे कि आप सभी जानते हैं कि हमारे हिंदू धर्म में सभी पर्वों का अपना अलग-अलग महत्व होता है उन्हीं में से एक है वैशाख पूर्णिमा वैशाख पूर्णिमा हर महीने में एक बार आती है। इस दिन का बहुत ही महत्व है वैशाख पूर्णिमा के दिन दान पुण्य करना बहुत ही महत्व माना जाता है। पुराणों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा बहुत ही फलदायी तिथि मानी जाती है।इस दिन नदियों और सरोवर में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु, भगवान चंद्र देव की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।वैशाख पूर्णिमा के दिन व्रत करने से सभी दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं और सौभाग्य में बदल जाते हैं इसलिए वैशाख पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।

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वैसे तो हिन्दू धर्म में सभी पर्वों को अपना अपना महत्व है| वैसे ही वैशाख पूर्णिमा का भी बहुत बड़ा महत्व है| इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म करना बहुत शुभकारी होता है| वैशाख पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है| इस दिन भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार महात्मा बुद्ध के रूप में धरती में जन्मा था| इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं| पूर्णिमा हर महीने में एक बार आती है और सभी पूर्णिमा का अपना एक महत्व होता है|


Letsdiskuss (इमेज -गूगल)


इस दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है और कई लोग पूर्णिमा का व्रत भी लेते हैं| पूर्णिमा की पूजा शाम के समय होती है और उसके बाद रात को चन्द्रमा के पूजन के साथ इस व्रत को संपन्न किया जाता है| इस पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि साधारण पूजा जैसी ही होती है| लेकिन इस दिन कुछ कार्य हैं जो अलग किये जाते हैं:


- वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं में स्नान करना चाहिए|


- इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहने और उसके बाद पूजन करें|


- स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए|


- इसके बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए|


- पूजा में पीले फूलों के प्रयोग करें, चावल के साथ हल्दी का प्रयोग करें|


- चने की दाल और गुड को भोग लगाएं


- इस दिन जल से भरा कलश और पकवान दान देने से गोदान के समान फल मिलता है|


- इसके बाद 5 या 7 जरुरतमंद व्यक्तियों को शक्कर और तिल देने से पापों का नाश होता है|


- पूजा के समय इस दिन तिल के तेल के दीपक जलना चाहिए|


- रात को चंद्रमा के पूजन के बाद भोजन करना चाहिए|


वैशाख पूर्णिमा का महत्व :


वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज युधिष्ठिर की पूजा करने का विधान है, जो भी इस व्रत को करता है उसको अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है| कुछ लोगों की मान्यता है कि सुदामा इस दिन भगवान श्री कृष्ण से मिलने गए थे और उसके बाद सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई|



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