तालियां और थालियां बजाकर आपको उम्मीद की किरण दिखाई जा रही है उसके बाद आप लोगों से 9 मिनट तक दीया और मोमबत्ती जलाकर एक अलग ही उम्मीद की किरण दिल में बसा दी जाती है कि इन दोनों कारनामों से करोना भागेगा.
जल्द ही आप लोगों को घर पर खाली बैठे तीसरा कार्य भी दिया जाएगा इसलिए प्रधानमंत्री द्वारा तीसरे टास्क का इंतजार कीजिए.
इस समय अगर उम्मीद कि आप आशा रखते भी है तो जरूरत है कि डॉक्टरों का जितना हो सके उतना सहयोग कीजिए. डॉक्टरों को इलाज करने के लिए उनको जरूरत का सारा सामान उपलब्ध कराया जाए ताकि डॉक्टरों को भी वायरस की शिकार ना होना पड़े.
डॉक्टरो को उचित सुविधाएं उपलब्ध करवा कर ही वायरस से बचा जा सकता है अगर डॉक्टर के पास संसाधनों की कमी रहेगी तो वायरस से संक्रमित लोगों का क्या हाल होगा इस बात का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है. भारत की सरकार को इस वक्त चाहिए कि वह टोना टोटके और फालतू की ड्रामेबाजी बंद करके स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की तरफ ध्यान दें. ना कि लोगों को तरह-तरह की नौटंकी बाजी में फंसा कर उनका टाइम पास करवाया जाए. एम्स के डॉक्टर ने बताया कि सरकार ने 50 लाख रुपए डॉक्टर के जरूरत के समान लिए उपलब्ध करवाए गए मगर बाद में इन पैसों को प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर दिया गया इस बात की बहुत ही हैरानी होती है.
सरकार को उन देशों से सीखना चाहिए जिन देशों ने हाल ही में करो ना वायरस से निजात पाया है उन देशों के तौर-तरीकों को अपने देश में लागू करना चाहिए जिससे कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा कम होने लगे.मगर भारत में ऐसा लगता है कि अब दिनों दिन वायरस से संक्रमित लोगों की तादाद बढ़ती ही जाएगी.
जल्द ही सरकार को उन देशों के संपर्क में आना चाहिए जहां पर कोरोनावायरस से संक्रमण कम हुआ है वायरस के रोकथाम के उन उपायों को अमल में लाना चाहिए जिन देशों ने वायरस को कंट्रोल में कर लिया है मगर भारत में टोने टोटके द्वारा लोगों को बेवकूफ बनाकर वायरस को भगाया जा रहे हैं भारत की जनता को इस बात का संदेश सरकार द्वारा दिया जा रहा है कि अगर आपको उम्मीद रखना है तो भगवान पर रखिए वही आपकी आशा की किरण है.
हम लोगों को किसी भी उम्मीद की किरण की आवश्यकता नहीं है हमें उन नियमों का पालन करना चाहिए. जिससे संक्रमण का खतरा ना बढ़े अगर उम्मीद रखेंगे तो उम्मीदें रखते रह जाएंगे क्योंकि वायरस से बचना हमारे हाथों में है ना की किसी उम्मीद पर.
