काकोरी कांड की कहानी क्या है ? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

Manu sharma

Blogger | Posted on | News-Current-Topics


काकोरी कांड की कहानी क्या है ?


0
0




Blogger | Posted on


भारत के स्वातंत्र्य संग्राम में काकोरी कांड को क्रांतिकारियों की एक बहुत बड़ी सफलता के तौर पर देखा जाता है। यह उन दिनों की बात है जब क्रांतिकारी देश को अंग्रेजो से आजादी दिलाना चाहते थे और इस के लिए उन्हें हथियार की जरुरत थी। हथियार खरीदने के लिए रकम जुटाना बहुत जरुरी था और तब एक क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल को सहरानपुर लखनऊ ट्रैन लूटने का ख्याल आया जिस में अंग्रेजो की काफी बड़ी रकम और खजाना ले जाया जा रहा था।

Letsdiskuss सौजन्य: डेमोक्रेटिक बाजार


इस ट्रैन को काकोरी के स्टेशन के पास राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी नामक क्रांतिकारी ने 9 अगस्त 1925 में रोकी और कुल मिलाकर 10 क्रांतिकारियों ने ट्रैन में रखा खजाना लूट लिया।

इस घटना से अंग्रेज सरकार हिल गई और उस ने इन क्रांतिकारियों को पकड़ने के लिये अपनी पूरी ताकत लगा दी। इस घटना के लिए 40 लोगो पर मुकद्दमा दायर हुआ और इन में से चार क्रांतिकारी राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान और ठाकुर रोशन सिंह को मौत की सजा और 16 को काला पानी समेत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इस घटना में कुछ अंग्रेज भी मारे गए थे। इस घटना से भारत के स्वातंत्र्य संग्राम को काफी जोश मिला और देशवासिओ में बलिदान की भावना प्रबल हो गई।



1
0

Blogger | Posted on


जो जवाब सिद्धार्थ जी ने नीचे दिया है वो बहुत सही है। काकोरी की विशेषता ये है कि इसने आधुनिक भारत की नींव रखने वाले नौजवानों का एक ऐसा दल बनाया, जो राष्ट्रीय सोच से ओतप्रोत था। जो इनकलाब के नाम पर बेगुनाहों का खून बहाना सबसे बड़ा अपराध मानता था। ये नौजवानों का वो दल था, जिसमें हर धर्म और सोच के लोग थे, लेकिन जो फैसला होने पर उसपर अमल करते थे। जिनमें मैं की भावना नहीं, हम की भावना काम करती थी। ये वो लोग थे, जो आधुनिक शिक्षा की दृष्टि से काफी पढे लिखे भी थे, और नैतिक शिक्षा की दृष्टि से भी।



तभी अशफाक उल्ला के स्तर का उदाहरण आसानी से दोबारा नहीं मिलता। न भगत सिंह का, चंद्रशेखर आजाद का। देश के हर प्रांत में नौजवान क्रांतिकारियों ने इसी सोच के अनुसार काम किया था। ये घटना ऐसी पहली घटना थी, जिसने देशभर के क्रांतिकारियों को एक दूसरे से परिचत कराया और यहीं से राष्ट्रीय स्तर पर हिंसा और अहिंसा के बीच की महीन रेखा स्पष्ट हुई। अगर ध्यान से देखें तो ये वो घटना है जो भारत के एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में उभरने की प्रतीक है।



0
0