क्रिकेटर्स की कौन सी बाते अंधविश्वास लगती है ? - letsdiskuss
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Brij Gupta

Optician | Posted on | Sports


क्रिकेटर्स की कौन सी बाते अंधविश्वास लगती है ?


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E-commerce Trainer | Posted on


विराट कोहली- 18

विराट कोहली को 18 नंबर से एक अलग तरह का लगाव है. विराट कोहली के पिता प्रेम कोहली का देहांत 18 दिसंबर 2006 को हुआ था. इसी नंबर के साथ उन्होंने अंडर-19 और सीनियर वर्ल्ड कप जीता था. इसके बाद उन्होंने कभी भी अपनी जर्सी का नंबर नहीं बदला.



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Blogger | Posted on


उनका मानना था कि मनहूस दिन Friday 13th को कुछ बुरा न हो जाए,

- इसलिए वुडन टच को गुडलक मानते हुए माचिस की तीली को ऊंगली पर बांधे लेते थे।

- वहीं जब भी किसी टीम का स्कोर 111 पहुंचता था, शेफर्ड अपनी एक टांग हवा में उठा लेते थे।

- शेफर्ड ये इसलिए करते थे क्योंकि 111 को अनलकी स्कोर माना जाता है।



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Content writer | Posted on


विराट कोहली से ले कर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर का नाम भी इस लिस्ट में है | जी हाँ आपको जान कर हैरानी होगी की आम लोगो और बॉलीवुड के अलावा क्रिकेट जगत के इंडियन क्रिकेट प्लेयर्स भी ऐसी मनगढ़न चीज़ें मानते है जिसे वह अपना लकी चार्म बोलते है | इस अंधविश्वास के चलते कोई खिलाड़ी रुमाल को लकी मानता है, तो कई लाल कपड़े को अपना लकी चार्म मानता है। तो आइये आपको बताते हैं टीम इंडिया के खिलाड़ियों का क्या है लकी चार्म |


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मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का है | जिन्हें सचिन मैदान पर जब बल्लेबाजी करने के लिए तैयार होते थे, तो वो अपने बाएं पैर में पैड पहले पहनते थे। इसके साथ ही अपनी किटबैग में साई बाबा की फोटो भी रखते थे। वह मानते है के ऐसा करने से उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा होता है |
महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी मैदान में अपना दम दिखाने के लिए 7 नंबर को बहुत ज्यादा लकी मानते हैं।
यही कारण है के वह हर मैच में 7 नंबर की जर्सी ही पहनते हैं। उनकी टी- शर्ट पर हमेशा 7 नंबर लिखा होता है। उनका मानना है की ये नंबर उनका लकी नंबर है | उनका जन्मदिन भी जुलाई को ही 7 आता है |
वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग कैरियर के शुरुआती दौर में 44 नंबर की जर्सी पहनते थे।
लेकिन ये 44 नंबर की जर्सी उन्हें ज़्यादा भायी नहीं इसलिए कुछ समय बाद इन्होंने बिना नंबर वाली जर्सी पहननी शुरु कर दी थी। आप देखोगे उन्होंने जितने मैच खेलें है उसमें से ज्यादातर उनकी जर्सी में केवल उनका नाम होता है |



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student in journalism | Posted on


मौजूदा दौर के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में एक विराट कोहली भी अंधविश्वास की जकड़ से खुद को बचा नहीं पाए। विराट अपने फेवरेट बैटिंग ग्लव्स के साथ ही मैदान में बल्लेबाजी करने उतरते थे। हालांकि उनका ये अंधविश्वास बहुत ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका और उन्हे जल्दी ही ये एहसास हो गया कि क्रिकेट के इस खेल में हुनर की जरूरत है अंधविश्वास की नहीं। इसके बाद उन्होने अपने फेवरेट ग्लव्स को ‘बॉय बॉय’ बोल दिया और देखिये विराट आज भी उसी तेजी से रन बना रहे है। बल्कि ये कहें कि उनके खेल में और ज्यादा सुधार नजर आ रहा है।


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