भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहा हुई...

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| Updated on January 5, 2024 | Education

भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहा हुई थी?

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@aanchalsingh1985 | Posted on October 12, 2021

भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति वट वृक्ष के नीचे प्राप्त की गई थी और इनका जन्मदिन बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था इन्होंने 27वर्ष की आयु मे अपने घर कोई छोड़ दिया था और सन्यास ग्रहण कर लिया। और ये बौद्ध धर्म ग्रंथो का भी पाठ किया है तथा वैशाख पूर्णिमा के दिन उन्हें बोधगया मे बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के दिन से जाना जाता है.।Article image

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@krishnapatel8792 | Posted on June 15, 2022

चलिए हम आपको बताते हैं कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहां हुई थी भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति एक वट वृक्ष के नीचे हुई थी वर्षों की कठोर साधना करने के बाद बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। तभी से सिद्धार्थ गौतम गौतम बुद्ध बन गए थे। हम आपको बता दें कि गौतम बुद्ध का जन्म पूर्णिमा के दिन हुआ था तथा इनका बचपन का नाम सिद्धार्थ गौतम था और उन्होंने 27 वर्ष की उम्र में अपने घर का त्याग कर दिया था। हम आपको बता दें कि गौतम बुद्ध 4 सप्ताह बोधि वृक्ष के नीचे रहे थे।Article image

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@komalsolanki9433 | Posted on January 4, 2024

गौतम बुद्धबौद्ध धर्म के प्रवर्तक थे। इनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा दायक है। गौतम बुद्ध के जन्म का नाम सिद्धार्थ था। वह बचपन से ही साहसी और ज्ञानी थे। उनका जन्म गणराज्य की राजधानी कपिल वस्तु के पास लुंबिनी में हुआ था। गौतम बुद्ध को लेकर एक भविष्यवाणी के कारण उनके पिता ने उन्हे राजमहल में ही रखा। उनको तपस्वी बनने से रोकने के लिए उनके पिता ने कई उपाय किये। बहुत दयालु थे ।उनसे किसी का दर्द देखा नही जाता था ।

घर के अंदर बंद गौतम के मन मे कई प्रश्न उठते थे। उनके पिता ने उनके मनोरंजन के सभी इंतेजाम महल में ही करवा दिये थे फिर उनका विवाह योशोधरा से करवा दिया था। उनका एक पुत्र भी था जिसका नाम उन्होंने राहुल रखा था।

इतना सब होने के पश्चात् भी गौतम खुश नही थे । उन्होंने अपना सांसारिक मोह छोड़ घर से चले गए।

गौतम बुद्ध ने कई वर्षो तक कठोर तपस्या की। लेकिन कोई परिणाम नही निकला। जब गौतम 35 वर्ष के हुए तब एक दिन वह एक पीपल के पेड़ के नीचे बैठ कर तपस्या कर रहे थे। यह पीपल का पेड़ बिहार के गया जिले में स्थित है। पीपल के वक्ष के नीचे गौतम को रात्रि में भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ। इसक बाद इस वृक्ष को बोधिवृक्ष के नाम से जाना जाने लगा।

कहा जाता हैं कि इस बोधिवृक्ष को कई बार नष्ट करने का प्रयास किया गया लेकिन यह हमेशा की तरह फिर से उग जाता है।

यह पेड़ पीढी दर पीढी हर बार नई शाखा के साथ उग जाता है । इस पेड़ की चौथी पीढ़ी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और विदिशा के बीच सलामतपुर की पहाड़ी में मौजूद है। इसकी रखवाली और सुरक्षा के लिए 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है। इस वृक्ष की देखरेख मे हर साल लगभग 12 -14 लाख रुपये खर्च होते है।

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