सनातन धर्म के प्रमुख आस्था केंद्र समान मदिरोंमे से एक नाम है बद्रीनाथ मंदिर का। इस मंदिर का इतिहास बड़ा ही रोचक है जिसकी जानकारी काफी सारे वेदो और पुराणों में दी गई है। बद्रीनाथ मंदिर इस धर्म के लोगो को विश्व के विभिन्न कोनो से आकर्षित करता है पर कुछ रहस्य ऐसे भी है जो की आम लोग नहीं जानते है। इन में से कुछ रहस्यों को यहाँ उजागर करने की कोशिश है।
सौजन्य: जागरण
* शिव का मंदिर पर पूजा विष्णु और लक्ष्मीजी की: वैसे तो यह मदिर शिव के प्रमुख मंदिरो में से एक है पर बहुत काम लोग जानते है की यहाँ भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की भी पूजा होती है। भगवान विष्णु की आराधना के वक्त उन्हें हिमपात से बचाने हेतु माता लक्ष्मी ने यहाँ बेरी के वृक्ष का रूप लिया था और इसी लिए इस मंदिर का नाम बद्रीनाथ है। उस वक्त भगवान ने लक्ष्मीजी को वचन दिया था की यहाँ उनकी भी पूजा होगी।
* शंखचूर्ण का वध: ऐसा कहा जाता है की यहाँ भगवान विष्णु ने शंखचूर्ण नामक राक्षस का वध किया था और सामान्यत: ऐसे मौके पर शंख बजाकर सबको सुचना दी जाती थी पर उस वक्त वहां लक्ष्मीजी ध्यान कर रहे थे और उनका ध्यानभंग न हो इसी लिए भगवान ने शंख नहीं बजाया। तबसे यहाँ शंख बजाने पर प्रतिबन्ध लगा है।
* हिमपात: ऐसा भी कहा जाता है की यहाँ शंख बजाने से हिमपात का खतरा बढ़ जाता है और इसी लिए यहाँ शंख बजाना वर्जित है।
* तपकुंड: यहाँ पर एक कुंड है जो की तपकुंड के नाम से जाना जाता है। यहाँ पर हमेशा गर्म पानी होता है और अगर कोई इस कुंड में स्नान करे तो उसको त्वचा सम्बन्धी बिमारीया नहीं होती।