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डायबिटीज सबसे ज्यादा हार्ट क़ो प्रभावित करता है,हाई ब्लड शुगर उन रक्त वाहिकाओं और नसों को भी डैमेज कर देता है, जो दिल को कंट्रोल करने का काम करती हैं, इन रक्त वाहिकाओं और नसों के डैमेज होने से दिल की बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है, इसे कई बार स्ट्रोक जैसी दिक्कतों की संभावना भी हो सकती है।
इसके अलावा डायबीटीज जैसे घातक बीमारी किडनी क़ो सबसे अधिक प्रभावित करतीं है,शरीर में ग्लूकोज का हाई लेवल बढ़ जाता है, जिससे किडनी की रक्त वाहिकाएं भी डैमेज हो सकती हैं, जिसके कारण हम किडनी से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो सकते है।
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fitness trainer at Gold Gym | Posted on
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वर्तमान समय में डायबिटीज यानी कि मधुमेह की बीमारी बहुत ही आम हो गई है हर दो से चार इंसान के बीच में एक न एक व्यक्ति डायबिटीज की समस्या से परेशान है आज हम आपको यहां पर बताएंगे कि डायबिटीज होने पर शरीर का कौन सा अंग सबसे अधिक प्रभावित होता है।
डायबिटीज होने पर सबसे अधिक हमारे किडनी पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि शरीर में ग्लूकोस का लेवल बढ़ जाता है जिससे किडनी की रक्त वाहिकाएं डैमेज हो जाती है जिसकी वजह से हम किडनी से जुड़ी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
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डायबिटीज की समस्या आज के समय में बेहद आम हो चुकी है, खराब लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जिस वजह से उन्हें अपनी सेहत की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तब डायबिटीज का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। ये बीमारी शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है।अगर किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर का स्तर लंबे समय से बढ़ा हुआ है तो उनकी किडनी भी प्रभावित हो सकती है। इससे किडनी की ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकते हैं। शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकलने का कार्य इन्हीं वेसल्स के द्वारा किया जाता है। शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसके प्रभाव से किडनी के फिल्टर करने की क्षमता खराब हो जाती है। किडनी फेलियर के प्रमुख कारणों में से एक है किडनी।
दिल: डायबिटीज के मरीजों को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। मधुमेह रोगियों का ब्लड वेसल डैमेज हो सकता है। इस स्थिति में लोगों के शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनने लगते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है।
आंखें: अनियंत्रित डायबिटीज से आंखों की ब्लड वेसल्स डैमेज होने का खतरा भी रहता है। रेटिना में भी छोटी-छोटी वेसल्स होती हैं, जिसमें ब्लड शुगर बढ़ने पर स्वेलिंग आ जाती है। इसके कारण ये कमजोर हो जाते हैं और लोग डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा हो सकता है। इससे अंधेपन होने की भी संभावना रहती है। इतना ही नहीं, डायबिटीज के मरीजों में मोतियाबिंद की परेशानी भी देखी जा सकती है।
दिमाग: मधुमेह रोगियों में स्ट्रोक से पीड़ित होने का जोखिम रहता है। इस कारण शरीर को गंभीर नुकसान हो सकता है या फिर मरीज की जान भी जा सकती है। वहीं, डायबिटीज के कारण याद्दाश्त कमज़ोर होने की भी समस्या देखने को मिलती है।
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दोस्तों डाइबिटीज एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है। ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने से शरीर के बहुत से अंग प्रभावित होते हैं शुगर को इंसुलिन नियंत्रित करता है इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज में सबसे ज्यादा कौन से अंग प्रभावित होते हैं डायबिटीज से प्रभावित होने वाले अंग हॉट,गुर्दा, आंख, और नर्वस सिस्टम में भी इसका प्रभाव पड़ता है।
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Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
आज डायबिटीज के मरीज हर एक जगह पाए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस व्यक्ति को डायबिटीज की शिकायत होती है। उस व्यक्ति को कौन सी बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा रहता है,तो आइए हम जानते हैं कि जिस व्यक्ति को डायबिटीज की शिकायत होती है उस व्यक्ति की किडनी (Kidney) की रक्त वाहिकाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। जिसके कारण उनके शरीर से टॉक्सिन और खराब पदार्थ बाहर निकालने में किडनी असमर्थ होने लगती है और इसी के चलते शरीर से टॉक्सिन अच्छी तरह से फिल्टर नहीं हो पाते।
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