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रंजीत केडिया

(BBA) in Sports Management | Posted on | others


1 सवाल को 100 तरीकों से हल करने वाले एक्सपर्ट कौन हैं ?


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1 सवाल को 100 तरीकों से हल करना सुनने में बड़ा ही आश्चर्यजनक लगता है | परन्तु ये बिलकुल सही है | आपको बताते हैं, एक ऐसे भारत के मशहूर गणितज्ञ जो 1 सवाल को 100 तरिके से हल करते थे | श्रीनिवास रामानुजन जो की गणित विषय के जादूगर कहे जाते थे | आज National Maths Day है, और यह दिन गणित के जादूगर को समर्पित है |


उनका Math करने का यह तरीका उन्हें सबसे अलग बनाता था | उनकी इस ख़ासियत की वजह से उन्हें 'नैचुरल जीनियस “ कहा जाता था | आज उनका जन्म दिन है, जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें :-

- श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 में तमिलनाडु के ईरोड गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ | श्रीनिवास रामानुजन की मां का नाम कोमलताम्मल और पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर था |

- श्रीनिवास रामानुजन ने 10 वर्ष की उम्र में प्राइमरी परीक्षा में पूरे जिले में टॉप किया और 15 साल की उम्र में 'ए सिनॉपसिस ऑफ एलिमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइट मैथमेटिक्स' नाम की पुस्तक को पूरा अपने दिमाग में बैठा चुके थे |

- श्रीनिवास रामानुजन का दिमाग सिर्फ गणित विषय में ही चलता था बाकी विषय उन्हें ज्यादा समझ नहीं आते थे | जिसके परिणाम स्वरुप उन्हें पहले गवर्मेंट कॉलेज और बाद में "यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास" दोनों जगह की स्कॉलरश‍िप से हाथ धोना पड़ा |

- 1912 में रामानुजन मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में क्लर्क की नौकरी करने लगे | लेकिन वो तब तक गणित के इस हुनर से इतने प्रसिद्द हो गए कि उनकी पहचान एक मेधावी गणितज्ञ के रूप में होने लगी थी |

- अपनी कम उम्र में "रॉयल सोसाइटी की सदस्यता" के बाद श्रीनिवास रामानुजन "ट्रिनीटी कॉलेज" की फेलोशिप पाने वाले यह पहले भारतीय बने |

- श्रीनिवास रामानुजन 32 साल की कम उम्र में 26 अप्रैल 1920 इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए | उन्हें टीबीकी बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिए था , परन्तु इतनी बीमारी की हालत में भी उन्होंने गणित का साथ नहीं छोड़ा वह बेड पर लेते हुए थियोरम लिखते रहते थे, और उनसे अगर कोई सवाल करें की ये थियोरम कहाँ से लिखा तो हमेशा उनका कहना यह रहता था कि यह थियोरम उनके सपने में आया |

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