कोर्ट ने दिल्ली सरकार के साथ-साथ जेल अथॉरिटीज को भी फटकार लगाई। जजों ने इस बात पर दुख जताया कि ऐसा सिस्टम बनाया गया जो 'कैंसर से जूझ रहा है' और जो 'रणनीति के तहत' फांसी टालने के लिए दोषियों को 'खुद के दुरुपयोग करने' का मौका देता है। इस बात से पूरा देश दुखद है की निर्भया केस के दोषियों की सजा में देरी हो रही है और आखिरकार असलियत में इसका ज़िम्मेदार कौन है | इसके लिए केवल व्यक्ति को या सिस्टम को भी गलत कहा जाये |
(इमेज-गूगल)
साल 2018 में दिल्ली सरकार ने जेल मैन्युअल में संशोधन किया। जिसके बाद निर्भया के चारों दोषी इस संशोधित नियम की आड़ लेकर बार-बार अपनी फांसी लगातार टलवा रहे हैं। चारों को फांसी पर लटकाने की अब नई तारीख 1 फरवरी तय हुई है। इस बार आशंका है कि उस दिन भी इन्हें फांसी नहीं दी जा सकेगी। जिसका कारण कुछ कानूनी दाव पेच बताएं जा रहे है।इस पूरे मामलें पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए निर्भया की मां ने भी दिल्ली सरकार पर लेटलतीफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा 'जब 2012 में घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया, काली पट्टी बांधी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए खूब रैलियां की और खूब नारे लगाए, लेकिन आज यही लोग उस बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।