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आज यहां पर सवाल पूछा गया है कि आखिर महाराणा प्रताप सिंह बुलबुल किसे कहते थे तो मैं आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि महाराणा प्रताप सिंह अपने घोड़े चेतक को बहुत अधिक प्यार करते थे इसलिए अपने घोड़े को बुलबुल के नाम से पुकारने लगे थे और उनके इस घोड़े की सबसे खासियत बात यह थी कि उनका यह घोड़ा कई फीट ऊंचे हाथी के सिर के बराबर छलांग लगाने की काबिलियत रखता था ऐसा कहा जाता था कि जब मुग़ल सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगी हुई थी तब उनका यह घोड़ा करीब 26 फीट लंबे नाले को पार करने में सफल हुआ था।
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महाराणा प्रताप 'बुलबुल' अपने घोड़े चेतक को कहते थे। महाराणा प्रताप सिंह जी के घोड़े का नाम चेतक था l महाराणा प्रताप अपने घोड़े चेतक को बहुत चाहते थे जिसकी वजह से वो उसको बुलबुल कहा करते थे। इस घोड़े की यह खासियत थी,कि यह कई फिट ऊंचे हाथी के सिर के बराबर छलांग लगाने की काबिलियत रखता था। कहा जाता है जब मुग़ल सेना महाराणा प्रताप के पीछे लगी थी, तब यह घोड़ा करीब 26 फीट लंबे नाले को पार करने में सफल रहा। उसने अपने अंतिम समय तक उनका साथ दिया था उदयपुर के पास चावण्ड में आज भी चेतक की समाधि हैं।
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चलिए दोस्तों आज हम आपको बता रहे हैं कि महाराणा प्रताप बुलबुल किसे कहते थे। महाराणा प्रताप घोड़े के साथ अक्सर लड़ाई बाजी में रहते थे वे अपने घोड़े चेतक से अत्यंत प्रेम करते थे और उसी घोड़े का नाम बुलबुल रख दिया। और उस गोले को सभी लोग बुलबुल के ही नाम से जानते थे। बुलबुल की खासियत यह थी। कि कितनी भी ऊंचाई क्यों ना हो वह छलांग लगा ही लेता था वे 26 फिट लम्बे नाले को पार करने मे कायम था।
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