| Posted on | science-technology
| Posted on
इस बात को कौन नहीं जानता है कि भगवान श्री कृष्ण जी के परम मित्र कौन थे तो चलिए हम आपको बताते हैं कि भगवान श्री कृष्ण जी के परम मित्र सुदामा थे जिन्हें दक्षिण भारत में कुचेला के नाम से जाना जाता है। सुदामा जी भगवान श्री कृष्ण के बचपन के मित्र थे जोकि गरीब परिवार में जन्मे थे। सुदामा पोरबंदर के रहने वाले थे। हम आपको बताते हैं कि श्री कृष्ण और सुदामा जी की मित्रता ऋषि संदीपनी के गुरुकुल में हुई थी। सुदामा जी एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे और वह अपने परिवार का गुजारा भिक्षा मांग कर किया करते थे।
0 Comment
Blogger | Posted on
श्री कृष्ण विष्णु भगवान के 8वें अवतार है। कृष्ण का जन्म द्वापर युग में हुआ था। लेकिन इनका लालन पालन गोकुल मे यशोदा और नंद बाबा के यहाँ हुआ। श्री कृष्ण के परम मित्रसुदामाथे। कृष्ण और सुदामा की मित्रता की संज्ञा जब तक मानव जाति है तब तक दी जायेगी। सुदामा कृष्ण के बचपन के मित्र थे। सुदामा एक गरीब ब्राहमण परिवार से थे, और कृष्ण एक शाही परिवार से थे। सुदामा और कृष्ण उज्जैन के संदीपनी आश्रम मे शिक्षा प्राप्त करते थे ।एक समय ऐसा आया जब श्री कृष्ण द्वारका के राजा बन गए और उनके मित्र सुदामा इतने गरीब हो गए के परिवार का भरण पोषण भी नही कर पा रहे थे। एक दिन गरीब सुदामा जब कृष्ण के पास आर्थिक मदद के लिए जाते है तो वह सुदामा को मना नही करते बल्कि उन्हे समृध्य और संपन्न बना देते है। कृष्ण और सुदामा ने बिना भेद की मित्रता निभाई थी। जिसमे ना जात -पात , ना अमीरी- गरीबी ।
0 Comment
| Posted on
आज हम यहां पर आपको बताएंगे कि भगवान श्री कृष्ण जी के परम मित्र कौन थे? वैसे तो सभी को मालूम ही होगा कि भगवान श्री कृष्ण जी के परम मित्र सुदामा जी थे। जो की एक बहुत ही गरीब परिवार में जन्म लिए थे। हम आपको बता दें कि भगवान श्री कृष्ण जी के सुदामा जी बचपन के मित्र थे। वैसे तो सुदामा जी पोरबंदर के रहने वाले थे क्योंकि पोरबंदर सुदामा जी की जन्म भूमि है। लेकिन इन्होंने अपनी शिक्षा संदीपनी जी के गुरुकुल में रहकर पूरी की। भगवान श्री कृष्ण जी और सुदामा जी एक साथ रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। भले ही सुदामा जी एक गरीब परिवार के हुआ करते थे लेकिन भगवान श्री कृष्ण जी ने कभी भी उनकी गरीबी को लेकर संदेह नहीं किया। हमेशा उनकी मदद किया करते थे। इसीलिए आज भी इस संसार में सुदामा और कृष्णा जी की मित्रता का उदाहरण देकर लोग मित्रता की परिभाषा को समझाते हैं।
0 Comment
| Posted on
आज हम यहां पर आपको बताएंगे कि भगवान श्री कृष्ण जी के परम मित्र कौन थे।सुदामा कृष्ण के बचपन के मित्र थे। सुदामा एक गरीब ब्राहमण परिवार से थे, और कृष्ण एक शाही परिवार से थे। सुदामा और कृष्ण उज्जैन के संदीपनी आश्रम मे शिक्षा प्राप्त करते थे ।एक समय ऐसा आया जब श्री कृष्ण द्वारका के राजा बन गए और उनके मित्र सुदामा इतने गरीब हो गए के परिवार का भरण पोषण भी नही कर पा रहे थे। एक दिन गरीब सुदामा जब कृष्ण के पास आर्थिक मदद के लिए जाते है।मित्र सुदामा इतने गरीब हो गए के परिवार का भरण पोषण भी नही कर पा रहे थे। एक दिन गरीब सुदामा जब कृष्ण के पास आर्थिक मदद के लिए जाते है तो वह सुदामा को मना नही करते बल्कि उन्हे समृध्य और संपन्न बना देते है।सुदामा जी एक ब्राह्मण परिवार में जन्मे थे और वह अपने परिवार का गुजारा भिक्षा मांग कर किया करते थे।
0 Comment
| Posted on
भगवान श्री कृष्ण के मित्र तो बहुत थे जिनके साथ वह बचपन में खेलते थे और साथ ही पढ़ते थे। परंतु उनमें से खास मित्र थे जिनका नाम सुदामा था। सुदामा भगवान श्री कृष्ण के परम मित्र थे।सुदामा एक बहुत गरीब ब्राह्मण थे। जो की भिक्षा मांग कर अपना जीवन यापन करते थे। सुदामा जी को दक्षिण भारत में कुचेला के नाम से भी जाना जाता है।सुदामा जी की जन्मभूमि पोरबंदर थी। सुदामा और श्री कृष्ण ने साथ में उज्जैनी के सांदीपनि आश्रम में एक साथ अध्ययन किया।भगवान श्री कृष्णा एक राजा थे। सुदामा जी एक दरिद्र ब्राह्मण थे।यह अंतर उनकी सच्ची मित्रता के बीच में नहीं आया। सुदामा जी भगवान श्री कृष्ण से मिलने द्वारका गए। द्वारिका में भगवान श्री कृष्ण ने उनका बहुत अच्छे से स्वागत किया। यह देखकर सुदामा जी की आंखें भर आई। सुदामा जी ने भगवान कृष्ण को उपहार देने के लिए बहुत ही विनम्र उपहार रखा। उनको देने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं था सिवाय एक मुट्ठी चावल के. भगवान श्री कृष्ण ने उनका यह उपहार स्वीकार किया उसके बदले में उन्होंने एक मुट्ठी खाकर एक लोक की संपत्ति दे दी और दूसरे मुट्ठी चावल खाकर सुदामा जी को दो की लोक संपत्ति दे दी। इनकी मित्रता का उदाहरण आज भी लोग देते हैं
0 Comment