| Posted on
स्वामी विवेकानंद जी के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण परमहंस था। जो कोलकाता के दक्षिणेश्वर में स्थित काली मंदिर के एक बहुत बड़े पुजारी थे। रामकृष्ण परमहंस जी एक बहुत बड़े संत थे और वे ब्रह्मा ज्ञानी, भक्त, सन्यासी, तपस्वी, और सभी धर्मों को जानने वाले बहुत बड़े ज्ञानी थे। और स्वामी विवेकानंद मां काली के परम् भक्त थे विवेकानंद और परमहंस जी की पहली मुलाकात 18 81 में हुई थी। तब रामाकृष्ण परमहंस ने अपने ज्ञान से अनुमान किए कि यही एक मेरा सच्चा भक्त है जो भक्ति में लीन है। और यह मेरा एक सच्चा भक्त हो सकता है तभी से स्वामी विवेकानंद जी ने श्री कृष्ण परमहंस जी को अपना गुरु मान लिये और परमहंस जी ने स्वामी विवेकानंद जी को अपना शिष्य मानने लगे.।
0 Comment
Occupation | Posted on
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12फ़रवरी 1863 को हूआ था,स्वामी विवेकानंद का घर का नाम नरेंद्र दत्त था तथा उनके पिता जी का नाम विश्वनाथ दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पश्चात सभ्यता मे बहुत भरोसा रखते थे, और वह अपने बेटे नरेंद्र को भी अंग्रेजी पश्चात सभ्यता पढ़ाना चाहते थे। लेकिन किसी कारण से उनके पिता विश्वनाथ दत्त की 1884 मे मृत्यु हो गई जिस वजह से घर की सारी जिम्मेदारी स्वामी विवेकानंद जी के ऊपर आ गई थी, जिस कारण वह बहुत परेशान रहते थे,वह गरीब परिवार से थे एक दिन गुस्से मे आकर कोलकाता निकल गए और वह एक मंदिर मे पहुचे जहाँ पर श्री कृष्ण परमहंस उस मंदिर मे भगवान की भक्ति लीन थे, उस मंदिर रोज स्वामी विवेकानंद जाया करते थे और श्री कृष्ण परमहंस जी को देखा करते थे, तभी एक दिन श्री कृष्ण परमहंस जी ने विवेकानंद जी देखा और मन ही मन सोचे यही है सच्चा भक्त और उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी को अपने साथ मंदिर मे रख लिया और भगवान की भक्ति मे स्वामी ली न हो गए उस दिन से स्वामी विवेकानंद जी ने श्री कृष्ण परमहंस जी को अपना गुरु मान लिये तथा श्री कृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद जी को अपना शिष्य मान लिया।
0 Comment
| Posted on
स्वामी विवेकानंद जी के गुरु का नाम श्री रामकृष्ण परमहंस था श्री रामकृष्ण कोलकाता के दक्षिणेश्वर में स्थित काली मंदिर के एक बहुत बड़े पुजारी थे जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व अद्भुत और क्रांतिकारी था उसी प्रकार उनके गुरु भी उनसे अधिक विलक्षण थे, वे एक संत थे ब्रह्मा ज्ञानी, भक्त, सन्यासी, तपस्वी, और सभी धर्मों को जानने वाले बहुत बड़े ज्ञानी थे वे मां काली के अनन्य भक्त थे स्वामी विवेकानंद और परमहंस जी की पहली मुलाकात 18 81 में हुई थी। स्वामी विवेकानंद का बचपन का नाम नरेंद्र था। और इनकी गुरु का बचपन का नाम गदाधर था। इनका स्वभाव छोटे बच्चों की तरह था।
0 Comment
Preetipatelpreetipatel1050@gmail.com | Posted on
स्वामी विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस महाराज जी थे ! जिन के बचपन का नाम गदाधर था ! विवेकानंद जी के गुरु एक सच्चे काली माता के भक्त थे ! रामकृष्ण परमहंस जी पुजारी होने के साथ-साथ एक ब्रह्मा ज्ञानी भी थे ! जिन्होंने स्वामी विवेकानंद जी को अपने साथ मंदिर में रखा था और स्वामी विवेकानंद को अनेक प्रकार के ज्ञान भी दिए थे ! वह सभी धर्मों के ज्ञानी थे ! परमहंस जी महाराज और स्वामी विवेकानंद की पहली मुलाकात 1881 में कोलकाता की एक मंदिर में हुई थी ।
0 Comment