स्वामी विवेकानंद का जन्म 12फ़रवरी 1863 को हूआ था,स्वामी विवेकानंद का घर का नाम नरेंद्र दत्त था तथा उनके पिता जी का नाम विश्वनाथ दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त पश्चात सभ्यता मे बहुत भरोसा रखते थे, और वह अपने बेटे नरेंद्र को भी अंग्रेजी पश्चात सभ्यता पढ़ाना चाहते थे। लेकिन किसी कारण से उनके पिता विश्वनाथ दत्त की 1884 मे मृत्यु हो गई जिस वजह से घर की सारी जिम्मेदारी स्वामी विवेकानंद जी के ऊपर आ गई थी, जिस कारण वह बहुत परेशान रहते थे,वह गरीब परिवार से थे एक दिन गुस्से मे आकर कोलकाता निकल गए और वह एक मंदिर मे पहुचे जहाँ पर श्री कृष्ण परमहंस उस मंदिर मे भगवान की भक्ति लीन थे, उस मंदिर रोज स्वामी विवेकानंद जाया करते थे और श्री कृष्ण परमहंस जी को देखा करते थे, तभी एक दिन श्री कृष्ण परमहंस जी ने विवेकानंद जी देखा और मन ही मन सोचे यही है सच्चा भक्त और उन्होंने स्वामी विवेकानंद जी को अपने साथ मंदिर मे रख लिया और भगवान की भक्ति मे स्वामी ली न हो गए उस दिन से स्वामी विवेकानंद जी ने श्री कृष्ण परमहंस जी को अपना गुरु मान लिये तथा श्री कृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद जी को अपना शिष्य मान लिया।



