सरकार द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों को योद्धा कहा जाता है मगर सरकार इन क्रोना योद्धाओं का खर्च उठाने में असमर्थ दिख रही है.स्वास्थ्यकर्मियों को क्वारंटीन संबंधी नियमों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए बदलावों का विरोध करते हुए केंद्र व शहर के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टर और स्टाफकर्मी हाथ पर काली पट्टी बांध कर काम पर पहुंचे.शुक्रवार को दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज-अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, राममनोहर लोहिया अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और लोक नायक अस्पताल के डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर ड्यूटी की....
क्या था पूरा माजरा
बीते दिनों सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों के क्वारंटीन नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि कोविड-19 ड्यूटी के बाद उन्हें तब तक क्वारंटीन में भेजने की आवश्यकता नहीं है, जब तक कि उन्हें या तो बहुत ज्यादा खतरा हो या फिर उनमें वायरस संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हों.
सरकार द्वारा उक्त दिशा-निर्देश जारी किए जाने के बाद पिछले कुछ दिन में कई अस्पतालों ने क्वारंटीन में विभिन्न होटलों में रह रहे अपने कर्मचारियों से वह जगह खाली करने को कहा है और ऐसा नहीं करने की स्थिति में तय तिथि के बाद से वहां रुकने पर आया खर्च कर्मचारी के वेतन से काट लिया जाएगा. फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने कोविड-19 ड्यूटी पर तैनात सभी स्वास्थ्यकर्मियों की जांच और उनके लिए उचित क्वारंटीन की मांग करते हुए काला रिबन बांध कर प्रदर्शन करने को कहा है.