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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on | news-current-topics


56 इंच सीना लिए मोदी जीअमेरिका की धमकी से इतनी जल्दी क्यों डर गएभारत का इतिहास तो देख लेते


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student | Posted on


हम ये नहीं कह सकते की ५६ इंच सिने वाले मोदी डर गए लेकिन कुछ चमन लोग होते है की बीएस कहि से कोई बात सुन लिए लिख दो कभी कोई चीज़ पढ़ो जानो तब उसपे बोलो ये न की व्हाट्सप्प और फेसबुक से ज्ञान प्राप्त किया और लगे बोलने मोदी डर गए बहुत मज़ा आया अमेरिका हड़का दिया हमे बहुत मज़ा आया तो सुनिए आप क्या बोलै ट्रम्प की हमे दवा दो नहीं तो हम बम गिरा देंगे हमला कर देंगे और आपकी नजर से ये लगता है की आप ने ये सोच लिया अब ट्रम्प बोलै मोदी डर गया अब हम फसबूकिये ज्ञान वाले को बरसाती मेढक बन जाना चाहिए अब तो टर्र टर्र करने का समय आया है तो थोड़ा धीरज रखिये आगे क्या होता है और उस बात पे थोड़ा रिसर्च करिये की क्या हुआ है आप जैसे लोग ही हर जगह सबुत मांगते है हमें सबुत चाहिए थोड़ा आराम से सोचिये तब लिखिए आगे बात करना हो तो बताइयेगा मज़ा आएगा

वैसे मोदी जिंदाबाद



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pravesh chuahan,BA journalism & mass comm | Posted on


अगर हमारे देश के हाउडी प्रधानमंत्री ने भारत का इतिहास पढ़ा होता तो शायद आज अमेरिका की धमकी के आगे भारत करोड़ों लोगों की जिंदगी दांव पर नहीं लगाता. भारत ने उस वक्त ऐसा कदम उठाया जिस वक्त कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने वाली दवाई की सबसे ज्यादा जरूरत भारत को भी है. यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत को इस दवाई के निर्यात के लिए चेताया था और प्रतिबंध लगाने को कहा था मगर डरे सहमें भारत ने अमेरिका की धमकी के आगे तुरंत प्रतिबंध को हटा लिया.

देशभक्ति की बातें करने वाले अब कुछ क्यों नहीं बोल रहे है. भारत माता की जय बोलने वाले क्या अब उनको अपमान नहीं महसूस हो रहा है.जय श्री राम का जबर्दस्ती नारा लगवाने वाले अब उनकी आवाज क्यों नहीं उठ रही है.

ट्रंप ने कहा था कि ‘पीएम मोदी के साथ हालिया फोन कॉल के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह इस दवा को अमेरिका को देने पर विचार करेंगे’।………..ट्रंप ने आगे धमकी देते हुए कहा, ‘मुझे इस बात पर आश्‍चर्य नहीं होगा कि यह फैसला उन्‍हें मुझे बताना होगा जो हमने रविवार सुबह हमने बातचीत की थी। मैंने उनसे कहा था कि हम आपके दवा को देने के फैसले की सराहना करेंगे। यदि वह दवा को अमेर‍िका को देने की अनुमति नहीं देते हैं तो ठीक है लेकिन निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई हो सकती है और क्‍यों ऐसा नहीं होना चाहिए?’हमारे देश के तेजतर्रार और 56 इंच के सीने वाला प्रधानमंत्री अमेरिका की धमकी के आगे तुरंत पस्त हो जाते हैं.

5 अप्रैल: ट्रम्प ने तुरंत हाइड्राक़्सक्लोरोक्विन न भेजने पर ‘बदले’ की धमकी दी.

6 अप्रैल: मोदी सरकार ने निर्यात से प्रतिबंध हटाया.

अपने आप को विश्व गुरु की ओर अग्रसर करने वाला भारत केवल ट्रंप की एक ही धमकी से प्रासत हो गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को एक दवाई की खेप अमेरिका न भेजने पर ‘देख लेने‘ की धमकी दी और खबर आई कि भारत ने वह दवाई निर्यात किए जाने पर प्रतिबंध हटा दिया है.



यहां अपने देश भारत में महामारी के रूप में और फैलने पर कहीं इसी दवा की जरुरत पड़ने लगी तो क्या होगा? क्या इस पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के चिकित्सा विशेषज्ञों से राय ली ? क्या इतना बड़ा फैसला ट्रंप की धमकी से घबरा कर लेने से पहले मोदी जी ने अपनी ही सरकार या मंत्रालयों से या फिर विपक्ष के साथ बैठ कर कोई राय मशविरा किया.


बार-बार कांग्रेस को कोसने वाली बीजेपी यही कहती है कि कांग्रेस ने 70 सालों में क्या किया... कुछ नहीं भी किया मगर किसी देश की धमकी के आगे कांग्रेस झुकी तो नहीं..अपने देश के गौरव को बनाए तो रखा आपको याद हो कि
1971 को जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारत पर हमलों की शुरुआत की तो भारत ने भी पलटवार शुरू कर दिया.लेकिन उस समय पाकिस्तान के कूटनीतिक दोस्त अमेरिका ने भारत पर ही दबाव बनाना शुरू कर दिया।

उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधान मंत्री थीं. जब इंदिरा दबाव के आगे नहीं झुकीं, तब उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इसे अमेरिका का अपमान माना और पाकिस्तान की मदद के लिए अमेरिकी जहाजी बेड़ा तक भेज दिया.भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए.
मनमोहन की सरकार में अमेरिका ने भारत को धमकी दी थी कि वह ईरान से तेल मंगवाना बंद कर दें नहीं तो भारत को बुरे परिणाम भुगतने होंगे उस वक्त भी कांग्रेश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे उन्होंने अमेरिका के आगे घुटने नहीं देखे और कूटनीति का सहारा लेकर भारत की लज्जा को बचाए रखा.

अभी कुछ समय पहले ही ट्रंप जब भारत आए थे तो ट्रंप के आवागमन के लिए भारत में करोड़ों रुपए खर्चे थे इसी ट्रम के लिए भारत ने गरीबी छुपाने के लिए जोगियों के आगे दीवार खड़ी कर दी थी ताकि ट्रंप को भारत की गरीबी ना दिखे यमुना के पानी को बिल्कुल साफ कर दिया गया था ताकि अमेरिका को भारत की गंदगी ना दिखें आज उसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को धमकीइस प्रकार दी जैसे भारत अमेरिका के आगे कुछ है ही नहीं. भारत को डट सामना करना चाहिए था.

देशवासी इस बात को भी बिल्कुल कड़े लफ्जों में कहते हैं कि भारत की विदेशों में बहुत मजबूत पकड़ है भारत को अब हर कोई देश अच्छे से जानता है लीजिए यही व्यवहार बनाया था भारत ने अमेरिका के साथ और आज इसका परिणाम देखने को मिल गया है

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