हम जानते है कि कोई भी तरल पदार्थ जब भी ठोस अवस्था मे बदलता है तो उसका आयतन घट जाता है। उसी प्रकार जब पानी को जमा कर बर्फ बनाया जाता हैं तो उसका आयतन घट जाता हैं और वह भारी हो जाता है और बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व की आपेक्षा कम होने की वजह से वह पानी मे तैरने लगता हैं। और इस वजह से बर्फ भी पानी के संपर्क में आने की वजह से जल्दी पिघलने लगती हैं। .jpeg&w=640&q=75)
| Updated on October 18, 2021 | science-and-technology
कितनी भी भारी से भारी बर्फ पानी मे जाते ही क्यों पिघल जाती है ?
हम जानते है कि कोई भी वस्तु कैसे नही डूबती है
जब कोई वस्तु तैरती है, तो यह निर्भर करता है की उसके weight पर क्या changes होता है ! इसके पीछे वैज्ञानिक ने भी इसके बारे मे कुछ प्नयास किये है
आर्किमिडीज के सिद्धांत में कहा गया है कि किसी भी समान को पानी पर तैरने के लिए,समान के वजन के हिसाब से पानी की मात्रा को रखना पड़ता है. ये सब लोग समझते है कि कोई मजबूत वस्तु में तरल पदार्थ की समान में अधिक घनत्व होता हैं.किसी ठोस समान में कुछ पर्ट एक-दूसरे के साथ अछे तरीके से जुडे होते हैं, जिसके weight के कारण यह मजबूत होते है और उनका वजन भी अधिक होता है.
जब भी कोई समान वस्तु ठोस पदार्थ में change है तो उसका weight घट जाता है और उसका weight भारी हो जाता है. Ice whater मे इसलिए नही डूबती क्योकि ice का weight आमतोर पर पानी से कम होता है. हम यह कह सकते हैं कि ice पानी पर तैरती है क्योंकि यह पानी के आपेच्छा हलकी होती है या फिर जमने के बाद ice जादा जगह लेती है, जिस कारण ice का weight पानी के अपेछा कम हो जाता है और इसी वजह है ice पानी पर तैरने लगती है.

पानी में हाइड्रोजन बोन्डिंग के कारण बाकी बस्तू से यह deffrend होते है. और ऑक्सीजन जो कि नेगेटिवली चार्ज होती है !साथ ही कुछ itams हाइड्रोजन के साथ मिलाये जाते है. मे cool waterपानी 4C के low मिलता है और यह एक क्रिस्टल छन्नि को provaid करता है, जिसे हमारी languege मे 'बर्फ' कहा जाता है.
