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विज्ञान की दुनिया में आइंस्टीन का नाम इतना बड़ा है की शायद ही उन्हें कोई न जानता हो। दुनिया के यह एकलौते वैज्ञानिक है जिन्होंने काफी सारे आविष्कार किये। विश्व के बाकी वैज्ञानिको के लिए आइंस्टीन का इतना प्रदान भी एक खोज का विषय बन गया और इसीलिए उनकी मृत्यु के बाद उनके दिमाग को संभाल कर रखा गया ताकि उस पर संशोधन किया जा सके की आखिर क्यों यह इंसान इतना प्रतिभाशाली था।
सौजन्य: जागरण जंक्शन
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आइंस्टीन के दिमाग के टुकड़े और आंखें आज भी रखी हुई हैं.
इसी तरह उनके दिमाग़ को पड़ताल के लिए निकाल लिया गया था जिस पर बरसों रिसर्च होती रही.
बाद में उनके दिमाग़ के टुकड़ों को उनकी आंखों के डॉक्टर हेनरी अब्राम्स को सौंप दिया गया था. हालांकि आइंस्टाइन के दिमाग़ के टुकड़े तो बाक़ी दुनिया ने देख लिए. मगर उनकी आंखें आज भी अंधेरे डब्बे में क़ैद हैं.
अमरीकी वैज्ञानिक थॉमस एडिसन से जुड़ी हुई एक परखनली अमरीका के मिशिगन शहर के संग्रहालय में रखी है.
कहते हैं कि इस परखनली में थॉमस एडिसन की छोड़ी हुई आख़िरी सांस क़ैद है. लाइट बल्ब, फोनोग्राफ और कैमरे का आविष्कार करने वाले एडिसन ने 1931 में आख़िरी सांस ली थी.
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दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो आइंस्टीन का नाम नहीं सुना होगा क्योंकि इन्हें विश्व के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति के नाम से जाना जाता है आज यहां पर हम चर्चा करेंगे कि आइंस्टीन के दिमाग को मरने के बाद भी संभाल कर क्यों रखा गया है कहते हैं कि आइंस्टीन का दिमाग सामान्य व्यक्तियों से काफी बड़ा था और इनका दिमाग काफी तेज चलता था आइंस्टीन दुनिया के एकमात्र ऐसे वैज्ञानिक है जिन्होंने सबसे अधिक खोज की है सन 1955 में आइंस्टीन की मृत्यु के बाद उनके दिमाग और आंखों के टुकड़े को न्यूयॉर्क में संभाल कर रखा गया है।
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