हिन्दू गाय का सम्मान करते हैं, उसका सम्मान करते हैं। हिंदुओं के लिए, गाय पृथ्वी का प्रतीक है, पोषण करने वाला, देने वाला और प्रदाता है। यह अनुग्रह और बहुतायत का प्रतीक है। सामान्य तौर पर, हिंदू सभी जीवित प्राणियों को पवित्र मानते हैं। महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि '' किसी राष्ट्र की महानता और उसकी नैतिक प्रगति को उसी तरह से मापा जा सकता है, जिस तरह से वह अपने जानवरों के साथ व्यवहार करता है। गाय गरिमा, शक्ति, धीरज, मातृत्व और निस्वार्थ सेवा का प्रतीक है। वेदों में, गाय धन और हर्षित सांसारिक जीवन का प्रतिनिधित्व करती हैं।
गाय को कामधेनु, दिव्य, कामना पूर्ण करने वाली गाय के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है, क्योंकि गाय प्रत्येक हिंदू को जीवन देने की प्रकृति का प्रतिनिधित्व करती है। गाय से प्राप्त होने वाली पांच चीजों में से प्रत्येक (दूध, घी, घी, गोबर और मूत्र) हमारे लिए बहुत पवित्र है, जैसा कि हम किसी न किसी रूप में इनका उपयोग करते हैं। साथ ही, गाय का प्रत्येक अंग ईश्वर के सभी विभिन्न पहलुओं के लिए एक आसन है। यह भी कहा जाता है कि धरती की माता धरती / पृथ्वी माता ने भगवान विष्णु से मदद मांगने के लिए गाय का रूप धारण किया, क्योंकि वह पापों के भार से पीड़ित थी।
यदीच्छसि वशीकर्तुं जगदेकेन कर्मणा।
परापस्मससेभ्यो गां चरन्तीं निवारय ||
- चाणक्य
ऋषि चाणक्य कहते हैं, "यदि आप एक क्रिया करके दुनिया को अपनी बोली लगाना चाहते हैं, तो अनाज के क्षेत्र में (दूसरों को दोष देने और गाली देने) के कारण गाय (जीभ) का पीछा करना छोड़ दें।"


गाय की पूजा इसीलिए की जाती है ! क्योंकि, गाय के अंदर करोड़ देवी देवताओं का वास होता है !गाय हमारे भगवान श्री कृष्ण को भी अधिक प्रिय थी गाय मानव जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होती है ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति हर रोज सुबह गाय को एक रोटी खिलाता है उसे गौमाता आशीर्वाद देती है जिससे उसका जीवन सफल हो जाता है ! हमारे हिंदू धर्म से चली आ रही यह प्रथा बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसे लोग आज भी मानते हैं और गौ माता की पूरी श्रद्धा भाव से पूजा भी करते हैं ! यह हमारे भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों जैसे कि नेपाल एवं बर्मा में भी गाय की पूजा की जाती है. 