मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास क्यों है? - letsdiskuss
Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language



Blog

Medha Kapoor

B.A. (Journalism & Mass Communication) | Posted on | others


मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास क्यों है?


10
0




Optician | Posted on


पूरे देश ने, धर्म या क्षेत्र की परवाह किए बिना, होली को देश के प्रमुख त्योहारों में से एक के रूप में मनाया है। इस तथ्य के बावजूद, देश के भीतर से ही नहीं बल्कि बाहर से भी कई पर्यटक और यात्री आते हैं, जो विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन जाते हैं और वहां मनाई जाने वाली होली का अनुभव करते हैं।


हिरण्यकश्यप और भक्त प्रह्लाद की नियमित कथा के अलावा, मथुरा और वृंदावन में होली के त्योहार से जुड़ी कुछ मान्यताएं हैं।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मभूमि है, और हम राधा कृष्ण के बीच प्रेम के बंधन से भी अवगत हैं। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण अपने अंधेरे रंग की तुलना हमेशा राधा के निष्पक्ष रंग से करते थे। उनकी मां, यशोदा इसे एक मनोरंजन के रूप में लेती थीं।

Letsdiskuss (Courtesy : GrabOn )

इसलिए कृष्ण ने राधा की नगरी, बरसाना में जाने और राधा को अपने जैसा बनाने के लिए उन पर रंग फेंकने की प्रथा शुरू की। राधा कृष्ण और उनके दोस्तों के साथ-साथ अन्य गोपियों पर भी रंग फेंकते थे और वे उन्हें लॉग (लाठ) से पीटकर उनका पीछा करते थे।

इस कथा ने मथुरा और वृंदावन के निकट एक शहर बरसाना में लट्ठ मार होली को बहुत प्रसिद्ध किया। और वृंदावन में, भगवान कृष्ण का बाके बिहारी मंदिर है जहाँ रंगों और पानी की होली काफी प्रसिद्ध है।

(Courtesy : TravelTriangle )

पूरा मथुरा और वृंदावन केवल एक या दो दिनों के लिए नहीं, बल्कि पूरे एक सप्ताह तक रोमांचक रंगों से रंगे रहते हैं। हर कोई इस समय इतना खुश है, जो भी घर से बाहर कदम रखता है वह साफ और बिना कपड़े के नहीं लौट सकता है। ये दोनों शहर फूलों और लड्डू की होली के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

मथुरा, वृंदावन, और बरसाना के अलावा, ब्रज, कोसी और नंदगाँव में होली भी अनुभव करने योग्य है। इन सभी क्षेत्रों में, त्योहार को इस तरह मनाया जाता है जैसे कि भगवान कृष्ण और राधा स्वयं उत्सव का हिस्सा हों।

(Courtesy : The Better India )

होलिका दहन, उस दिन से पहले जब हम रंगों से खेलते हैं, मथुरा और वृंदावन में भी काफी तमाशा होता है। होलिका की मूर्तियों को हर नुक्कड़ और कोने पर खड़ा किया जाता है और गायन, नृत्य, कहानी कहने आदि के साथ एक विस्तृत कार्यक्रम होता है, इससे पहले कि मूर्ति को जलाया जाए।

यही कारण है कि मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास और अनोखी है।

(Courtesy : Discovering India )



8
0

Blogger | Posted on


होली रंगो का त्योहार है। इसे सभी लोग पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं। आपने मथुरा और वृन्दावन की होली के बारे में तो सुना ही होगा। आखिर यहाँ की होली इतनी खास क्यो होती हैं? आइये इस लेख के द्वारा हम आपको इसकी खासियत से अवगत करायेंगे । मथुरा में हम सभी के प्रिय और आराध्य देव श्री कृष्ण का जन्म स्थान है। यह त्योहार इसलिए भी इतना खास है, क्योकि यह श्री कृष्ण का प्रिय त्योहार है। मथुरा और वृन्दावन में होली अलग अलग तरीको से मनाई जाती हैं जैसे :-

लठमार होली :- लठमार होली, होली का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमे बरसाना की महिलाओ द्वारा नंदगाँव के पुरुषो को पिटा जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार कृष्ण ने अपनी मैया से पूछा था कि वह इतने काले और बरसाना की राधा इतनी गोरी क्यु है। इस पर मैया ने हँसते हुए उन्हे राधा जी रंग लगा कर उनके गोरे रंग को ढक देने की बात कही। श्री कृष्ण ने अपने साथियो के साथ नन्दगाँव से लेकर बरसान तक सभी गोपियो और राधा जी को रंग लगाया। राधा जी बहुत क्रोधित हुई और प्रतिशोध लिया । तभी से यह प्रथा प्रचलित है के नंदगाँव के पुरुषो को बरसाना की महिलाओ द्वारा पिटा जाता हैं। इसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है।

Letsdiskuss

फुलो की होली :-होली से ठीक पहले एकादशी के दिन वृन्दावन के बांके बिहारी मंदीर में एक अनोखी होली मनाई जाती है। यह फूलो के साथ मनाई जाती है। इसलिए इसका नाम फूलो वाली होली पड़ा।

विधवा होली :-भारत में विधवाओ को बहुत से चीजो से वंचित रखा जाता था। और उन्हे अक्सर अलगाव का सामना करना पड़ता था। वह कभी होली नही खेल सकती थी। लेकिन कुछ सालों पहले वृन्दावन की विधवाओ ने इस परम्परा को तोड़ते हुए इस त्योहार को मनाया।


7
0

| Posted on


क्या आप जानते हैं कि मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास क्यों है। चलिए हम आज इस आर्टिकल में बताते हैं कि मथुरा, वृंदावन, और बरसाना के अलावा, ब्रज, कोसी और नंदगाँव में होली भी अनुभव करने योग्य है। इन सभी क्षेत्रों में, त्योहार को इस तरह मनाया जाता है जैसे कि भगवान कृष्ण और राधा स्वयं उत्सव का हिस्सा हों। उत्सव बसंत पंचमी से शुरू होता है और होली के दिन (फाल्गुन पूर्णिमा) के बाद भी जारी होता है। होली का बेहतरीन अनुभव लेने के लिए हम आपको सलाह देते हैं। होली से ठीक पहले एकादशी के दिन वृन्दावन के बांके बिहारी मंदीर में एक अनोखी होली मनाई जाती है। यह फूलो के साथ मनाई जाती है। इसलिए इसका नाम फूलो वाली होली पड़ा। इस कथा ने मथुरा और वृंदावन के निकट एक शहर बरसाना में लट्ठ मार होली को बहुत प्रसिद्ध किया। और वृंदावन में, भगवान कृष्ण का बाके बिहारी मंदिर है जहाँ रंगों और पानी की होली काफी प्रसिद्ध है।

Letsdiskuss


6
0

| Posted on


आईये दोस्तों आज हम बताते हैं कि मथुरा वृंदावन में बहुत ही अच्छी की होली खेली जाती हैपूरे देश ने, धर्म या क्षेत्र की परवाह किए बिना, होली को देश के प्रमुख त्योहारों में से एक के रूप में मनाया है । इस तथ्य के बावजूद, देश के भीतर से ही नहीं बल्कि बाहर से भी कई पर्यटक और यात्री आते हैं, जो विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन जाते हैं और वहां मनाई जाने वाली होली का अनुभव करते हैं। मथुरा, वृंदावन, और बरसाना के अलावा, ब्रज, कोसी और नंदगाँव में होली भी अनुभव करने योग्य है। इन सभी क्षेत्रों में, त्योहार को इस तरह मनाया जाता है जैसे कि भगवान कृष्ण और राधा स्वयं उत्सव का हिस्सा हों। इसलिए इसका नाम फूलो वाली होली पड़ा। इस कथा ने मथुरा और वृंदावन के निकट एक शहर बरसाना में लट्ठ मार होली को बहुत प्रसिद्ध किया। और वृंदावन में, भगवान कृष्ण का बाके बिहारी मंदिर है जहाँ रंगों और पानी की होली मथुरा में हम सभी के प्रिय और आराध्य देव श्री कृष्ण का जन्म स्थान है। यह त्योहार इसलिए भी इतना खास है, क्योकि यह श्री कृष्ण का प्रिय त्योहार है। मथुरा और वृन्दावन में होली अलग अलग तरीको से मनाई जाती हैं । Letsdiskuss


2
0

| Posted on


दोस्तों आप जानते ही होंगे कि वृंदावन और मथुरा की होली सबसे खास होती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि मथुरा वृंदावन की होली इतनी खास क्यों होती है अगर नहीं तो चलिए आज पैराग्राफ के माध्यम से आपको इसके बारे में जानकारी देंगे। वृंदावन और मथुरा राधा और श्री कृष्ण से संबंधित है राधा का जन्म बरसाना में हुआ था और श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था वृंदावन में श्री कृष्ण द्वारा अपनी प्रेम राधा के लिए बनाई गई भूमि थी वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे खास और प्रसिद्ध मानी जाती है वृंदावन मथुरा और बरसाना की होली खेलने के लिए दुनिया भर के लोग आते हैं और इन क्षेत्रों में होली का त्योहार ऐसे बनाते हैं जैसे श्रीकृष्ण और राधा स्वयं उत्सव का हिस्सा हों। होली का उत्सव बसंत पंचमी से शुरू होकर होली के दिन (फाल्गुन पूर्णिमा) के बाद भी होली का त्यौहार मनाते हैं। होली के कुछ दिन पहले एकादशी के दिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में एक अनोखी होली का उत्सव मनाया जाता है यहां फूलों की होली मनाई जाती है इसलिए इसका नाम में फूलों की होली पड़ा है।

यही कारण है कि मथुरा वृंदावन की होली इतनी खास होती है।

Letsdiskuss


2
0

| Posted on


क्या आपको पता है कि मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास क्यों होती है अगर आपको नहीं पता है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं की मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास इसलिए होती है क्योंकि।

होली रंगो का त्योहार है। इसे सभी लोग पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाते हैं। और आपने मथुरा और वृन्दावन की होली के बारे में तो सुना ही होगा। आखिर यहाँ की होली इतनी खास क्यो होती हैं। आइये इस लेख के द्वारा हम आपको इसकी खासियत से अवगत करायेंगे । मथुरा में हम सभी के प्रिय और आराध्य देव श्री कृष्ण का जन्म स्थान है। यह त्योहार इसलिए भी इतना खास है। क्योकि यह श्री कृष्ण का प्रिय त्योहार है। मथुरा और वृन्दावन में होली अलग अलग तरीको से मनाई जाती हैं। लठमार होली, फूलों की होली, विवाह होली ये सारी होली अलग अलग तरीके से मनाई जाती हैं।Letsdiskuss


2
0

| Posted on


सबसे पहले मेरे सभी दोस्तों को राधे-राधे। आईये दोस्तों आज हम आपको अपने भारत देश त्योहारों के बारे में रूबरू कराते हैं। हमारे भारत देश को त्योहारों के देश के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि हमारे भारत देश में अलग-अलग त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। आज हम आपको भारत देश का सबसे खास त्यौहार यानी की होली के त्यौहार के बारे में बताने जा रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मथुरा और वृंदावन की होली इतनी खास क्यों है। यदि आप जानते हैं तो अच्छी बात है और यदि नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं चलिए हम आपको इसकी जानकारी देते हैं। भले भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म मथुरा में हुआ था। लेकिन इन्होंने अपनी लीलाएं वृंदावन में की है। इसलिए सबसे पहले भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन में अपने साथियों के साथ होली खेली थी। यही वजह है कि भगवान श्री कृष्णा मथुरा और वृंदावन में होली खेलने के लिए जाते थे इसलिए यहां की होली इतनी प्रसिद्ध है।

Letsdiskuss


2
0