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Komal Verma

Media specialist | Posted on | Astrology


महाशिवरात्रि का व्रत क्यों किया जाता है, और इस दिन की पूजा की क्या मान्यता है ?


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Content Writer | Posted on


महाशिवरात्रि का व्रत जो साल में एक बार आता है, जिसकी मान्यता यह कह कर दी जाती है कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था | कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव का जन्म हुआ है | कई लोग और कई बातें चलिए मान्यता जो भी हो बस इस दिन के व्रत का बड़ा ही महत्व है |

क्यों किया जाता है व्रत :-
इस व्रत के बारें में यह कहा जाता है कि इस व्रत को लेने से नरक से मुक्ति मिलती है | इस व्रत को लेने से आत्मा शुद्ध होती है | जिस स्थान पर भगवान शिव का पूजन होता है वहाँ शिव का आगमन होता है | महाशिवरात्रि व्रत आपको आपके व्यवसाय में लाभ प्रदान करता है | जिनके विवाह में विलम्ब होता है इस व्रत के करने से उनका विवाह हो जाता है |
इस व्रत से जुड़ी कुछ मान्यता :-
- पहली मान्यता
इस व्रत को लेकर कुछ लोगों की मान्यता है कि इस दिन ब्रह्मा , विष्णु और महेश तीनों एक साथ प्रकट हुए थे | महेश अर्थात भगवान शिव जो की शिवलिंग के रूप में इस धरती पर आये | इसलिए आज के दिन शिवलिंग का पूजन किया जाता है |
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(Courtesy : Detechter )
- दूसरी मान्यता
कुछ मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था इसलिए शिवरात्रि मनाई जाती है | इस मान्यता के कारण नेपाल में महाशिवरात्रि के तीन दिन पहले से ही मंदिर को सजाया जाता है और वहाँ मंडप भी लगाया जाता है, और शिव को दूल्हा बनाकर और पार्वती को दुल्हन बनाकर मंदिर में घुमाया जाता है |
(Courtesy : Patrika )
- तीसरी मान्यता
समुद्र मंथन के समय जब पूरी धरती विष मग्न हो गई थी , तब भगवान शिव ने उस विष को पी लिए जिससे उनका कंठ नीला हो गया | इसलिए भगवान शिव को नीलकंठ भी कहते हैं | भगवान शिव ने जिस दिन विष पीया उस दिन को शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, कुछ मान्यता ऐसा भी कहती है |
(Courtesy : OnlinePrasad )


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