सालो से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामला चला आ रहा है और राजनीतिक रोटियां उसपर सीक्ति आ रही हैं। यह मुददा बीजेपी के राजनैतिक सफर में हमेशा से सुर्खिओ में रहा है। कांग्रेस कैसे सेकेगी अपनी राजनीतिक रोटी इस मामले पर ?
देखा जाये तो कांग्रेस आजतक इस मामले पर शांत नज़र आई है। कांग्रेस पार्टी जिसके हिन्दू और मुस्लमान दोनों हि बड़े वोट बैंक हैं, किसी के भी पक्ष में फैसला कांग्रेस को भारी पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी कि राम मंदिर बनाने कि बात हिन्दुवादी भारतीय जनता पार्टी को हिन्दुओ का हीरो बनाते आई है। कांग्रेस पार्टी इस मामले में पड़ी तो पार्टी के लिए दोनों ओर खाई का माहौल बन जायेगा, जो कांग्रेस नहीं चाहती। 2019 के महा चुनावी दंगल में कांग्रेस को जीतने के लिए सभी छोटे-बड़े समुदाय के लोगों के वोट कि ज़रुरत है।
दरसल, कांग्रेस अपने-आप को हिन्दू या मुस्लमान पार्टी कहलाने से कतराती है ताकि दोनों नाव में सवारी मिलते रहे। इसलिए यह तो तय है कि कांग्रेस पार्टी बाबरी मस्जिद के मामले से दूर ही रहेगी और बीजेपी को इस मामले में खुल्ला मजा का मौका देगी। कांग्रेस पार्टी से एक ही उम्मीद की जा सकती है कि वे बीजेपी द्वारा लिए जाने वाले इस मामले पर चुटकी ज़रूर लेते रहेगी, मगर खुद हल नहीं करेगी।