कांग्रेस के प्रमुख राहुल गाँधी ने प्रियंका गाँधी को विधिवत कांग्रेस में शामिल कर दिया है और उन्हें उत्तरप्रदेश के चुनाव का प्रभारी भी बना दिया है, जिससे राष्ट्रीय राजनीती में काफी हलचल मची हुई है। कांग्रेस के इस कदम को हर एक पार्टी अपने अपने तौर पर देख रही है। कांग्रेस के नेताओ का कहना है की इस से पार्टी को और भी मजबूती मिलेगी और कार्यकारो में नया ऊर्जा संचार होगा। भाजपा के हिसाब से यह कदम राहुल गाँधी के कमजोर नेतृत्व का परिणाम है और इस से साबित होता है की कांग्रेस एक ही परिवार की पार्टी है।

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यहाँ बड़ा सवाल ये है की क्या प्रियंका गाँधी को राजनीती में सफलता मिलेगी? वैसे अगर जाने माने राजनीतिज्ञों की मानी जाए तो ये कांग्रेस का एक मास्टर स्ट्रोक है और अब उत्तर प्रदेश में सारी पार्टियों को अपनी चुनावी रणनीति बदलनी पड़ेगी। प्रजा को प्रियंका में इंदिरा गाँधी की छवि दीख रही है। प्रियंका का अंदाज भी कुछ वैसा ही है। हालांकि वो काफी मृदु और मितभाषी है और उन का कार्य करने का स्टाइल अलग है। इस से पहले जब भी प्रियंका ने किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार किया है वो जीता है और इसी लिए यह कहना गलत न होगा की वो अपने इस रोल में भी कामियाब रहेगी।