योग के अभ्यास से मानसिक रोगों को शांत किया जा सकता है | वैज्ञानिक आधार यह कहता है कि साँसों के रिदम से शरीर के भीतरी अंगो में अनुशासन है, ठीक जिस प्रकार से क्रोध की अवस्था में साँसे अलग प्रकार से होती हैं |
योग के अभ्यास से मानसिक रोगों को शांत किया जा सकता है | वैज्ञानिक आधार यह कहता है कि साँसों के रिदम से शरीर के भीतरी अंगो में अनुशासन है, ठीक जिस प्रकार से क्रोध की अवस्था में साँसे अलग प्रकार से होती हैं |
हम आपको आज बताएंगे कि आप योग के द्वारा अपनी मानसिक तनाव को कैसे कम कर सकते हैं। दोस्तों यह बात बिल्कुल सत्य है कि हम युग के द्वारा तनाव से मुक्ति पा सकते हैं ऐसे में आप रोजाना सुबह और शाम के समय योग करें ताकि आपका मन बिल्कुल शांत रहे क्योंकि वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है कि यदि आप रोजाना योग करते हैं तो आपको मानसिक से जुड़ी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी भागवत गीता में भी बताया गया है कि मानसिक विकारों को दूर करने के लिए योगासन करना चाहिए।
योग के मानसिक विकारों को कैसे दूर करें योग के अभ्यास से मानसिक रोगों को शांत किया जा सकता है वैज्ञानिक आधार यह कहता है कि सांसो के रिदम से शरीर के भीतरी अनुशासन है कि जिस प्रकार से क्रोध की अवस्था सांसे अलग प्रकार की होती है। मन खुश रहने लगेगा, मन का बोझ हटे गा और सकारात्मक वैचारिक क्षमता बढ़ जाएगी।
यह सभी लाभ के योग से अभ्यास से आप आ सकते हैं।
दोस्तों इस पोस्ट में हम योग से मानसिक विकारों को कैसे दूर करें के बारे में जानेंगे। यदि शरीर मजबूत है तो मस्तिष्क भी मजबूत होगा यह जरूरी नहीं है। मजबूत शरीर वाले लोगों का भी मस्तिष्क मजबूत नहीं होता है। जो व्यायाम आप जिम जाकर करते हैं उसे केवल शरीर ही मजबूत बनता है ना कि मस्तिष्क मजबूत होता है। योग करने से मन और मस्तिष्क मजबूत होते हैं और लोग इससे मानसिक रूप से भी मजबूत होते है। योग करने से शरीर लचीला बनता है। योग करने से मन तरोताजा रहता है। योग करने से कोई मानसिक तनाव नहीं होता है बल्कि योग शरीर के लिए और मस्तिष्क के लिए बहुत अच्छा होता है। योगासन के द्वारा मानसिक विकारों को दूर किया जा सकता है।
