"ज्ञान" ये एक ऐसा शब्द हैं, जो अपने आप में ही एक पूरी दुनिया हैं, ये ऐसा शब्द हैं, जिसका कोई विच्छेद नहीं होता, बस ये एक ही शब्द हैं, जिसमें सारी दुनिया की अच्छाई-बुराई, सही-ग़लत, सुख-दुःख, हंसना और रोना सभी चीज़ें शामिल हैं |
ज्ञान की परिभाषा :-
" ज्ञान मनुष्य के जीवन का वो पहलु हैं, जिसका मानव जीवन में जितना महत्व खोजा जाये वो कम हैं, ज्ञान एक समंदर हैं, जिसमें डूबने के बाद ही मनुष्य को अपने जीवन के मायने समझ आते हैं "
व्याख्या :-
- ज्ञान मनुष्य के अँधेरे जीवन में एक ज्योति की तरह हैं, जिसकी छोटी सी लौ भी मनुष्य के जीवन को इतना प्रभावित कर देती हैं, कि मनुष्य में अँधेरे से लड़ने की ताक़त आ जाती हैं |
- ज्ञान पानी से भरे हुए गहरे सागर की तरह हैं, जिसमें उतरना ही पड़ता हैं, तभी आपको किनारा मिलता हैं |
- ज्ञान मनुष्य के जीवन में वो स्थान रखता हैं, जिसकी सहायता से मनुष्य निश्चित रूप से एक बेहतर और ऊँचे स्थान पर पहुँच सकता हैं |
- ज्ञान एक ऐसा खज़ाना हैं, जो सबको मिलता हैं, पर कुछ लोग इसका सही इस्तेमाल करते हैं, और कुछ लोग इसका ग़लत उपयोग करते हैं |
अर्थात ज्ञान मनुष्य के जीवन का सार हैं, ज्ञान के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा हैं, ज्ञान एक ऐसी चीज़ हैं, जिसको पाने के लिए हमें खुद ही मेहनत करनी होती हैं |
जिस तरह भूख लगने पर खुद ही भोजन करना पड़ता हैं, बेशक आपको भोजन बनाकर कोई दे दें, परन्तु आपको भूख होगी तभी आप खाना खाएंगे, उसी प्रकार ज्ञान अगर आपको चाहिए हैं, तो इसके लिए मेहनत आपको ही करनी होगी |
माता पिता बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने के लिए school जरूर भेज सकते हैं, पर उसको ज्ञानी नहीं बना सकते | बच्चे को school से शिक्षा प्राप्त करने स्वयं ही जाना होगा | उसको अपना करियर खुद से निर्धारित करना होगा |
"school college जाकर ऊँची-ऊँची शिक्षा प्राप्त कर के, ज्ञान प्राप्त कर के भी अगर आप एक अच्छे इंसान न बन सकें, तो आपका ज्ञान सही मायनों में किसी काम का नहीं "