Right to Education Act क्या है ? - letsdiskuss
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Sumil Yadav

| Posted on | Education


Right to Education Act क्या है ?


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Right To education act के बारे में बताते हैं दोस्तों व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का कितना महत्व है। यह आप सभी को तो पता होगा।आज के जमाने में शिक्षा का महत्व बहुत बढ़ रहा है।आजकल हर किसी व्यक्ति को शिक्षित होना जरूरी है, यह तो आप जान ही गए होंगे की शिक्षा का कितना महत्व है। भारत सरकार द्वारा शिक्षा का महत्व समझते हुए Right to education act को पारित किया गया है। यह अधिनियम शिक्षा के अधिकार को अधिकार प्रदान करता है। 6 से 18 वर्ष के उम्र के बच्चों को RTE एक्ट 2009 के तहत निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाएगी। देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए हर किसी मानव का शिक्षित होना अति आवश्यक है।इसलिए सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देना चाहिए। बच्चों को स्कूल में किसी नि शुल्क के एडमिशन मिलेगा और जिसके लिए बच्चों के माता-पिता को किसी भी प्रकार का इंटरव्यू देने की जरूरत नहीं होगी। विकलांग बच्चे भी नियमित रूप से स्कूल जा सकेंगे।Letsdiskuss


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Content Writer | Posted on


Right to Education Act का तात्पर्य भारत में 6 से 14 साल तक के बच्चों को बिना किसी शुल्क के अनिवार्य रूप से शिक्षा प्रदान करवाने के लिए 2009 में या अधिनियम बनाया गया, और अप्रैल 2010 को यह अधिनियम पारित किया गया |


अब Right to Education Act के तहत कुछ बदलाव करने के लिए प्रस्ताव रखें गए थे, जिन बदलावों को लोकसभा ने मंजूरी दे दी हैं | लोकसभा ने Right to Education Act के उस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी हैं, जिसके तहत 8 class तक के fail बच्चों के लिए rules में बदलाव में मांग की गई थी |

Right to Education Act के कुछ पहलु हैं, जिन पर हमें गौर करना आवश्यक हैं -

- बच्चे को उसके निवास क्षेत्र के पास ही प्राथमिक और माध्यमिक school मिलेगा, अगर किसी कारणवश school दूर हुआ तो बच्चे को school जाने के लिए वाहन उपलब्ध करवाया जायेगा |

- बच्चे को school में बिना किसी शुल्क के admission मिलेगा और जिसके लिए बच्चे के माता-पिता को किसी भी प्रकार का interview देने की कोई जरूरत नहीं होगी |

- विकलांग बच्चे भी नियमित रूप से स्कूल जा सकेंगे |

- किसी बच्चे को किसी भी document की कमी होने पर ,उसके admission से नहीं रोका जाएगा |

- किसी भी बच्चे को मानसिक और शारीरक रूप से प्रताड़ित नहीं करेगा, यदि कोई शिक्षक ऐसा करता हैं, तो उसको ऐसा करना उसको दंड का भागिदार बनाएगा

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क्या पढ़ाई के लिए बच्चों पर दबाव डालना सही हैं या नहीं ये जानने के लिए नीचे की link पर Click करें :-


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दोस्तों क्या आप जानते हैं कि RIGHT TO EDUCATION ACT क्या है शायद आपको इसके बारे में जानकारी नहीं होगी तो कोई बात नहीं चलिए हम आपको इस आर्टिकल में इससे जुड़ी पूरी जानकारी देते हैं। राइट टू एजुकेशन एक्ट से भारत का तात्पर यह है कि यहां पर 6 वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों को बिना किसी शुल्क के शिक्षा प्रदान की जाए इस अधिनियम को सन 2009 में बनाया गया था और सन 2010 में इस अधिनियम को पारित किया गया। इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं की कक्षा 1 से लेकर बच्चों को कक्षा 8 तक फेल नहीं करने की मांग की गई तथा इस मांग को स्वीकार भी कर लिया गया, इसके अलावा कक्षा आठ तक बच्चों को पढ़ाई करने के लिए उनके निवास स्थान के पास ही स्कूल होने की मांग की गई।

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