वर्तमान समय में जहां शिक्षा की बात आती है, वहाँ पर आज के समय में सरकारी स्कूल पर भरोसा करना बहुत मुश्किल हो जाता है | वही माता-पिता को थोड़ा बहुत भरोसा बचा हुआ है,तो वो सिर्फ प्राइवेट स्कूलों पर | क्योकि प्राइवेट स्कूल बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का दवा करते हैं, और साथ ही बच्चों को कई प्रकार की सुविधा भी provide कराते हैं |
अब आपके सवाल पर आते हैं, बेहतर शिक्षा के लिए वर्तमान समय में सिर्फ बच्चों के माता-पिता को प्राइवेट स्कूल पर ही भरोसा है | क्योकि सरकारी स्कूलों में शिक्षक केवल अपनी सैलरी के लिए जाते हैं, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि बच्चा पढ़ाई कर रहा है या नहीं | क्योकि सरकारी स्कूल में फीस बहुत कम लगती है | इसलिए वहाँ पर शिक्षकों को किसी बात की कोई जिम्मेदारी नहीं होती |
दूसरी तरफ प्राइवेट स्कूल को देखा जाएं, तो वहाँ बच्चे की एक महीने की फीस, साधारण नौकरी करने वाले की सैलरी से ज्यादा होती है | अगर स्कूल में बच्चों को बहुत अधिक सुविधा दी जा रही है, तो फीस के नाम पर माता-पिता पैसा पानी की तरह बहा देते हैं | अब इस बात से ये समझ आता है, कि जहां फीस के नाम पर कुछ न लगता हो उस स्कूल की पढ़ाई किस तरह होगी और जहां फीस साधारण सैलरी से ज्यादा हो वहाँ की पढ़ाई कैसी होगी |
वर्तमान समय में जहां हर क्षेत्र में प्रतियोगिता चलती रहती है, ऐसे में सभी माता-पिता अपने बच्चो को अच्छी और बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं | जिसके लिए सरकारी स्कूल पर भरोसा करना बहुत ही मुश्किल हो जाता है | इसलिए माता-पिता अपने बच्चों के लिए प्राइवेट स्कूल पर भरोसा करते है |
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें, केजरीवाल द्वारा सरकारी स्कूल में कुछ सुविधाएं प्रदान की गई हैं -
- 10000 क्लास रूम |
- कमजोर स्टूडेंट के लिए एक्स्ट्रा क्लास की सुविधा |
- एजुकेशन के लिए 10 लाख रूपए का लोन पास किया |
- smart class room बनवाई |
- बच्चों के माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों को मिलाकर मैनेजमेंट कमिटी बनाई गईं हैं |
- 400 नए पुस्तकालय का निर्माण |