यह बात जो मैं बताने जा रहा हूं यह हाल ही मैं हुई एक घटना है |यह बात दिल्ली के डीटीसी बस की है मैं दिल्ली के धौला कुआं से कापसहेड़ा बॉर्डर की ओर डीटीसी की बस से जा रहा था |मेरे पास में एक व्यक्ति बैठा हुआ था और उस आदमी के पास दो बंद डिब्बे थे| उन डब्बे की टिकट लेने के लिए बस के कंडक्टर ने एक बार भी नहीं बोला ,पहली बात तो दिल्ली में बसों में नया नियम निकाल दिया है कि समान का भी टिकट लेना पड़ेगा, जिस वजह से बहुत लोगों को इस नए फालतू और घटिया नियम का नहीं पता होता और वह 200 रुपए ठगी का शिकार हो जाते हैं
जब बस कापसहेड़ा बॉर्डर की ओर पहुंचती है तो चार टिकट चेक करने वाले बस में घुस जाते हैं पहले तो सब नॉर्मल ही लग रहा था. जब चेकर पास बैठे उस डिब्बे वाले आदमी के पास आते हैं| तो उस डिब्बे की भी टिकट मांगते हैं उस व्यक्ति को बिल्कुल पता नहीं होता कि डिब्बा का भी टिकट लगता है |उसे तुरंत 200 रुपए जुर्माना अदा करने का फरमान सुनाते हैं पर जब वह आदमी मना करता है कि उसको नहीं पता था कि इन डिबबों का भी टिकट लेना होता है.नहीं तो क्या 15 रुपए की टिकट के चक्कर में 200 रुपए जुर्माना कौन भरना चाहेगा |उसके बाद उससे जबरदस्ती पैसा मांगा जाता है दो चेकर उसके हाथ पकड़ लेते हैं और बाकी दोनों उसका पर्स उसके जेब से निकाल लेते हैं उस आदमी से 200 रुपए वसूल लेते हैं और जब वह आदमी इस बात का विरोध करता है तब उसके साथ भयंकर मारपीट की जाती हैं यह पूरा मामला किसी फिल्मी सीन से बिल्कुल भी अलग नहीं लग रहा था|
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