| Updated on December 19, 2022 | Education
क्या पढ़ाई के लिए बच्चों पर दबाव डालना सही हैं ?
@kanchansharma3716 | Posted on July 23, 2018
@seemathakur4310 | Posted on August 17, 2018
जी देखिये मुझे तो ऐसा बिलकुल भी नहीं लगता कि बच्चो पर किसी भी चीज़ का दबाव डालना सही है | हाँ में इस बात से सहमति रखती हूँ कि कभी कभी बच्चो कि पढ़ाई के लिए हमे कुछ कठिन कदम उठाने पड़ते हैं जिसमे प्रायः हम उन्हें पढ़ाई से कामचोरी करने पर दण्डित करते हैं या उन्हें पढ़ाई करने के लिए हमेशा डाँटते रहते हैं | हर बार माता पिता का डांटना दबाव नहीं कहलाता | यदि बच्चा नहीं पढ़ना चाह रहा आप उसे समझाने के लिए थोड़ा बहुत डाँटते है या उसे कुछ सिखाने के लिए या किसी चीज़ का महत्त्व सिखाने के लिए दण्डित करते हैं तो आप गलत नहीं हैं, आप अपनी जगह बिलकुल ठीक हैं | परन्तु जब आपकी चिंता , डाँट और दंड ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ जाए तो वो दबाव बन जाता है |
बच्चों पर पढ़ाई और अच्छे कैरीयर का दबाव इतना अधिक है कि उनके लिए और अधिक दबाव डालना असहनीय हो जायेगा। उल्टा उन पर से ये दबाव कम करने के तरीके ढूंढने चाहियें।
अभिभावकों, अध्यापकों और अच्छे व्यावसायिक कॉलेजों में प्रवेश में अत्यंत कठिन स्पर्धा इस असहनीय दबाव का कारण है। इसका एक मुख्य कारण है अच्छे विकल्पों की जानकारी की कमी। आम लोगों की सोच JEE , NEET , PO आदि तक सिमट कर रह जाती है। जब सभी लोग गिने चुने विकल्पों की ओर भागते हैं तो नतीजा अति कठिन स्पर्धा।
इस बारे डॉ सुनील जीजीत एचआर एल एंड टी की विस्तारपूर्ण टिप्पणी देखें
"सिर्फ इसलिए कि मैं एल एंड टी के साथ एचआर में एक वरिष्ठ पद धारण कर रहा हूं, मुझे अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, परिचितों से अपने बेटों या बेटियों की मदद करने के लिए कई अनुरोध मिल रहे हैं, जिन्होंने एलजी एंड टी में नौकरी पाने के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज से ताज़ा पास किया है। अनुरोधों की संख्या बहुत बड़ी है। इतने सारे नए इंजीनियर बेरोजगार हैं, मैं शायद उनमें से कुछ को एल एंड टी में या कुछ अन्य कंपनियों में नौकरी पाने में मदद कर सकता हूं जहां मेरे संपर्क हैं। मुझे कई अनुरोधों के लिए या उन लोगों के लिए कहना बुरा लगता है जिन्हें मैं मदद नहीं कर सकता। वे निराश हो जाते हैं। मैं समझ सकता हूँ। माता-पिता अपने जीवन या समय में पैसा कमाते हैं ताकि वे अपने बेटों या बेटियों को इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त कर सकें। वे सोचते हैं कि इंजीनियरों के लिए नौकरियां आसानी से उपलब्ध हैं। उनमें से कई के साक्षात्कार के बाद, मैं उन्हें यह भी नहीं बता सकता कि आपके बेटे या बेटी के पास न्यूनतम आवश्यक तकनीकी ज्ञान भी नहीं है। इंजीनियरिंग के मौलिक ज्ञान के बिना प्रथम श्रेणी या विशिष्टता (डिस्टिंक्शन) प्राप्त करना इतना आसान हो गया है। माता-पिता के लिए इंजीनियरिंग डिग्री के पीछे दौड़ना बंद करने का सही समय है।
संयुक्त राज्य अमरीका $ 16 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए प्रति वर्ष करीब 1 लाख इंजीनियरों का उत्पादन करता है।
भारत $ 2 ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए 15 लाख इंजीनियरों का उत्पादन करता है।
पहले व्यापक भर्ती करने वाला क्षेत्र विनिर्माण था। यह इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल, सिविल इत्यादि जैसी कोर शाखाओं से भर्ती करता था। लेकिन विनिर्माण जीडीपी के 17% पर अपेक्षाकृत स्थिर है। तो कोर शाखा में प्लेसमेंट बहुत मुश्किल हो गए हैं।
हालिया जन भर्ती का क्षेत्र आईटी था। यह थोड़े ही समय में शून्य से सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 5% तक बढ़ गया। आईटी ने लाखों इंजीनियरों को रोजगार दिया।
अब, आईटी भी संतृप्त हो रहा है। केवल अच्छे, कुशल आईटी इंजीनियरों की मांग है।
यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षेत्रीय संरचना को देखते हैं, तो अधिकांश क्षेत्रों में इंजीनियरों की आवश्यकता नहीं होती है। पर्यटन को, जो सकल घरेलू उत्पाद का 10% है, इंजीनियरों की आवश्यकता नहीं है। वित्तीय क्षेत्र, व्यापार, होटल और रेस्टोरेंट को इंजीनियरों की आवश्यकता नहीं है। स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि में इंजीनियरों की आवश्यकता भी नगण्य है।
सकल घरेलू उत्पाद के 50% से अधिक में इंजीनियरों के लिए कोई भूमिका नहीं है। फिर भी अधिकांश भारतीय युवा इंजीनियर बन रहे हैं। ये स्थिति चलने वाली नहीं है।
आपूर्ति अधिक है जबकि मांग कम है। इस सबके ऊपर औसत अभियंता का कौशल स्तर खराब है, कई मामलों में तो लगभग नदारद है। अगर हम शीर्ष 100-200 कॉलेजों को छोड़ देते हैं, तो अधिकांश ताजा इंजीनियरों को तो अपनी पढाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। किसी नए यांत्रिक इंजीनियर से पूछें क्या वह एक साधारण फ्रेम डिजाइन कर सकता/ती है?
आज स्थिति यह है कि ज्यादातर इंजीनियर ऐसे क्षेत्र में काम कर रहे हैं जिनका कॉलेज में किए गए अध्ययन से कोई संबंध नहीं है। यह संसाधनों की बर्बादी है।
इंजीनियरिंग डिग्री सस्ते में नहीं मिलती। इसकी लागत लगभग 10-15 लाख है। गरीब माता-पिता के लिए, यह एक बड़ा बोझ है। जब उनके बेटे / बेटी नौकरी पाने में सक्षम नहीं होते तो उन पर अत्याचार हो जाता हैं।
आप देश के नुकसान की गणना कर सकते हैं। लगभग 1 लाख इंजीनियरों को छोड़ दें, जो NASSCOM का कहना है कि सेवायोग्य हैं, बाकी 14 लाख ने 10 लाख फीस बर्बाद कर दी है। यह लगभग $ 20 बिलियन बनता है। स्वास्थ्य देखभाल पर सरकार के खर्च के लगभग बराबर। इस पर, मानव पूंजी का नुकसान है।
भारत को पूरी इंजीनियरिंग शिक्षा प्रणाली को दोहराने की जरूरत है। सरकार को कॉलेजों की संख्या में कटौती करने और बाकी की गुणवत्ता में सुधार करने की आवश्यकता है।
छात्रों को भी इंजीनियर बनने के बजाय में अन्य व्यवसाय के विकल्पों का पता लगाना चाहिए।
जब शिक्षा की बात आती है, तो आज भी कई विकल्प उपलब्ध हैं!
विमानन से, होटल प्रबंधन, लघु फिल्म कार्यक्रमों के लिए लघु अवधि कार्यक्रम, डेटा विज्ञान, साइबर सुरक्षा, सूचना सुरक्षा, क्लाउड टेक्नोलॉजी डिजाइनिंग, भारतीय सशस्त्र बलों, एनीमेशन और वीएफएक्स, डिजिटल मार्केटिंग, फिल्म मेकिंग, एसक्यूएल, पीएचपी, बिग डेटा, सी, सी ++, आदि और बहुत कुछ!
इन तरह के अधिकांश पाठ्यक्रमों के लिए, एनएटीए, सीईईडी, एनआईडी प्रवेश, एनआईएफटी प्रवेश, एनडीए प्रवेश, एमबीए प्रवेश, होटल प्रबंधन प्रवेश, सीईटी, एनईईटी और कई अन्य प्रवेश परीक्षाएं भी हैं!
यहां, सही प्रशिक्षण आपके बच्चे को अपने सपनों के संस्थान में प्रवेश करने में एक लंबा रास्ता तय कर देता है! क्या आप जानते हैं कि इंजीनियरिंग के अलावा 2018 के शीर्ष कैरियर ट्रैक क्या हैं ?? निम्नलिखित सूची देखें।
1. एनिमेशन, वीएफएक्स और मल्टीमीडिया
2. फैशन डिजाइन, घटना प्रबंधन और आंतरिक सजावट।
3. वैमानिकी और विमानन
4. फिल्म बनाने, स्क्रिप्ट लेखन और अभिनय।
5. इंजीनियरिंग कंप्यूटर, आईटी, क्लाउड और डेटा विज्ञान।
6. नेटवर्किंग, सूचना सुरक्षा।
7. सौंदर्य, मॉडलिंग और प्रसाधन सामग्री
8. स्वास्थ्य, आहार विशेषज्ञ और पोषण विशेषज्ञ
9. विदेशी भाषाएं।
10. संगीत और नृत्य।
तो, कृपया इसे अपने रिश्तेदारों / दोस्तों / 12 वें पास छात्रों के साथ साझा करें और उन्हें इंजीनियरिंग शिक्षा के पीछे पागल की तरह से भागने के बजाय उचित रूप से अपनी रूचि कीशिक्षा और कैरियर की योजना बनाने में मदद करें !!! "
अपनी रूचि के पाठ्यक्रमपढ़ने से न केवल उन्हें कम स्पर्धा का सामना करना पड़ेगा बल्कि पढाई में उनका मन लगेगा। उन पर पढाई का दबाव कम होगा।
@setukushwaha4049 | Posted on December 3, 2022
पढ़ाई के लिए बच्चो पर दवाब डालना सही नहीं होता है, क्योंकि जितना ज्यादा बच्चो पर पढ़ाई का प्रेशर डालेंगे बच्चे उतना ही कम पढ़ेगे। बच्चे पढ़ाई अच्छे से करे तो उन पर दवाब बिल्कुल नहीं बनाए बल्कि आपके बच्चे जिस विषय मे कमज़ोर है, उस विषय मे बच्चो की मदद करे ताकि वह अच्छे अंक लाये। साथ ही बच्चो को हर वक़्त पढ़ाई के लिए बैठा कर ना रखे पढ़ाई करने के लिए टाइमटेबल बनाये उसी के अनुसार बच्चो को पढ़ाई करने के लिए बैठाये ताकि बच्चा पढ़ाई भी करे और पढ़ाई से बोर भी नहीं हो।
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@vandnadahiya7717 | Posted on December 6, 2022
दोस्तों इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि क्या पढ़ाई के लिए बच्चों पर दबाव डालना सही है। आज के समय में पढ़ाई को लेकर बच्चों पर ज्यादा दबाव दिया जाता है। जिससे बच्चों पर ज्यादा दबाव पड़ता है। हद से ज्यादा उम्मीदें बच्चों के तनाव का कारण बनती हैं। अभिभावक अपने बच्चे से जो उम्मीद करते हैं बच्चा उन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाता तो तनाव सा महसूस करता है। अभिभावकों को बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करना चाहिए ना कि उन्हें डांटना चाहिए। ऐसे में बच्चे के मानसिकता पर गलत प्रभाव पड़ता है।
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यदि आप भी अपने बच्चे को पढ़ाई के लिए दबाव डालते हैं तो आप भी सावधान हो जाइए क्योंकि बच्चों पर दबाव डालना उन पर बुरा असर हो सकता है दबाव डालने की बजाय अब बच्चे को अपने पास बैठा कर उन्हें प्यार से पढ़ाई बल्कि पढ़ाई करने के लिए बच्चे का टाइम टेबल बना ले इससे बच्चा टाइम टाइम पर पढ़ता रहेगा और उसे बोरिंग भी नहीं लगेगा। इसके अलावा आपका बच्चा जिस विषय में कमजोर हो उस विषय को अधिक पढ़ने के लिए समय दें इससे बच्चा खुश रहेगा। जब भी बच्चा पढ़ाई करने के लिए बैठे तो आप उनके साथ उनकी मदद करने के लिए अवश्य बैठे।Loading image...
पढ़ाई के लिए बच्चों पर जोर जबस्ती करना बिल्कुल गलत होता है क्योंकि बच्चे ऐसे में से जुड़े हो जाते हैं और उनका पढ़ाई में और मन नहीं लगता है। इसलिए हमेशा बच्चों को प्यार से पढ़ाना चाहिए। अगर बच्चे को जल्दी चीजे समझ में नहीं आती है तो उसे मोबाइल के द्वारा भी पढ़ा सकते हैं। क्योंकि, आजकल टेक्नोलॉजी बहुत ही आगे हो गई है। पैरंट्स को खुद बच्चों की तरह ही बनकर बच्चों को पढ़ाना चाहिए और कुछ देर में उन्हें एंटरटेनमेंट भी करवाना चाहिए। जिससे उनका मन लगा रहे।Loading image...