पशुपतिनाथ मन्दिर के बारें में बताइये ? - letsdiskuss
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श्याम कश्यप

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पशुपतिनाथ मन्दिर के बारें में बताइये ?


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इस धरती में एक स्वर्ग और वो हैं, "नेपाल" जैसा कि हमारे पहले एक जवाब में आपको बताया हैं, कि नेपाल में क्या खास बात हैं, और आपके इस सवाल में आप पशुपतिनाथ मंदिर के बारें में जानना चाहते हैं, और सबसे खास बात, कि यह भी नेपाल में ही हैं |

अब आपके सवाल के जवाब पर आते हैं -
आपको बता दें, कि पशुपतिनाथ मंदिर धरती के इस स्वर्ग नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर कि दूरी से उत्तर-पश्चिम दिशा में बागमती नाम की एक नदी के किनारे एक देवपाटन गांव में स्थित हैं, और यह एक हिंदू मंदिर हैं |

नेपाल के एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र अर्थात एक ऐसा राष्ट जहां धर्म को लेकर कभी कोई पक्षपात न हो, ऐसा राष्ट्र बनने से पहले पशुपतिनाथ मंदिर, भगवान पशुपतिनाथ का मुख्य निवास माना जाता था। पशुपतिनाथ में आस्था और विश्वाश रखने वालों जो मुख्य रूप से हिन्दू हैं, को मंदिर परिसर में प्रवेश करने की अनुमति हैं, और गैर हिंदू को इसे बाहर से ही बागमती नदी के दूसरे किनारे से देखने की अनुमति हैं |

यह मंदिर शिव का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता हैं | नेपाल का पशुपतिनाथ मंदिर की ऐसी मान्यता हैं, कि इस मंदिर में आज भी शिव जी मौजूद हैं | आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पशुपतिनाथ मंदिर के शिव को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं, और इन्हें केदारनाथ मंदिर का आधा भाग माना जाता हैं ।

पौराणिक कथा के अनुसार - जब कौरव पांडव का युद्ध हुआ, और पांडवों के द्वारा अपने ही भाइयों का रक्त बहाया हुआ देख शिव जी बहुत क्रोधित हुए | भगवान् श्री कृष्ण ने पांडवों को भगवान् शिव से माफ़ी मांगने के लिए कहा |

- पांडव शिव से माफ़ी मांगने निकल पड़े,गुप्त काशी में पांडवों को आता देख कर शिव जी वहाँ से लुप्त हो गए, और अन्य स्थान पर चले गए, आज उस स्थान को केदारनाथ कहा जाता हैं |

- पांडव वहां भी पहुंच गए , पांडवों को केदारनाथ आता हुआ देखा कर, भगवान् शिव भैंस का रूप लेकर भैंसों एक झुण्ड में खड़े हो गए |

- परन्तु पांडव ने उन्हें पहचान लिया, और तभी भगवान् शिव धरती में सामने लगे | तभी भीम ने अपनी ताकत से उनकी गर्दन पकड़ कर उन्हें धरती में रोक दिया |

- शिव जी को अपने असली रूप में आना ही पड़ा, और पांडवों ने शिव से माफ़ी मांगी और शिव ने उन्हें माफ़ किया |

-शिव जी का मुख तो बाहर था, परन्तु उनका देह केदार नाथ पहुँच गया | इसलिए पशुपति को केदारनाथ का आधा भाग माना जाता हैं |

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नेपाल में पशुपतिनाथ का मंदिर काठमांडू के पास देवपाटन गांव में बागमती नदी के किनारे पर है। मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुंह वाली मूर्ति स्थापित की गयी है। भगवान शिव मुख के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंदल लिए हुये है। मान्यता के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान माना जाता है।

पशुपतिनाथ का मंदिर प्रतिदिन 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है। पशुपतिनाथ जी का मंदिर केवल दोपहर के समय और शाम के 5 बजे मंदिर के पट बंद रहते है। मंदिर में जाने का सबसे उत्तम समय सुबह और शाम क़ो 6बजे का होता है। पुरे मंदिर का भ्रमण करने के लिए 1-2घंटे का समय लगता है।Letsdiskuss

और पढ़े- कैलाश मन्दिर का रहस्य क्या है ?


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आपकी इच्छा है कि हम आपको पशुपतिनाथ मंदिर के बारे में बताएं तो चलिए हम आपको पशुपतिनाथ मंदिर के बारे में बताते हैं। पशुपतिनाथ जी का मंदिर नेपाल के काठमांडू के पास देवपाटन गांव में बागमती नदी के किनारे पर स्थित है। पशुपतिनाथ मंदिर का शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पशुपति नाथ जी का मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पशुपति नाथ जी के मंदिर के खुलने का समय शाम 4:00 बजे से लेकर रात्रि 9:00 बजे तक का है इसी समय के अंदर पशुपतिनाथ मंदिर घूमने जा सकते हैं। पशुपतिनाथ मंदिर बहुत ही विशाल मंदिर है।

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दोस्तों चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि पशुपतिनाथ मंदिर में क्या है यदि आपको नहीं पता तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें।

पशुपतिनाथ जी का मंदिर नेपाल के काठमांडू के पास देव पाटन गांव में बागमती नदी के किनारे पर स्थित है। मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुख वाली मूर्ति स्थित है।और पशुपतिनाथ का मंदिर प्रतिदिन 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक खुला रहता है। और पशुपतिनाथ जी का मंदिर केवल दोपहर के समय और शाम के 5 बजे मंदिर के पट बंद रहते है। पशुपतिनाथ जी को केदारनाथ का आधा भाग भी माना जाता है।और पशुपतिनाथ मंदिर का शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पशुपति नाथ जी का मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदीर उत्तर-पश्चिम दिशा में बागमती नाम की एक नदी के किनारे एक देवपाटन गांव में स्थित हैं, यह मंदिर देखने में अति सुंदर दिखती है तो इस मंदिर को देखने के लिए लोग बहुत दूर-दूर से आते हैं।

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आज हम आपको बताते हैं पशुपतिनाथ मंदिर के बारे में-

पशुपतिनाथ जी का मंदिर नेपाल के काठमांडू के पास देव पाटन गांव में बागमती नदी के किनारे पर स्थित है।मंदिर में भगवान शिव की एक पांच मुख वाली मूर्ति स्थित है। पशुपतिनाथ विग्रह मे चारों दिशाओं में एक एक मुख और एक मुख ऊपर की ओर है।प्रत्येक मुख्य दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंदल मौजूद है। मान्यता के अनुसार पशुपति नाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग पारस पत्थर के समान है। पशुपतिनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पशुपतिनाथ मंदिर प्रतिदिन 4:00 से रात्रि 9:00 तक खुला रहता है।पशुपतिनाथ मंदिर जी का मंदिर केवल दोपहर के समय और शाम के 5:00 मंदिर के पट बंद रहते हैं। शिवजी का मुख तो बाहर था परंतु उनका देह केदारनाथ पहुंच गया इसलिए पशुपति को केदारनाथ का आधा भाग माना जाता है। शिवजी को अपने असली रूप में आना ही पड़ा और पांडवों ने शिव से मांगी और शिव ने उन्हें माफ किया।Letsdiskuss


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