कैलाश मन्दिर का रहस्य क्या है ? - letsdiskuss
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कैलाश मन्दिर का रहस्य क्या है ?


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क्या आप जानते हैं कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है, शायद आपको नहीं पता होगा तो कोई बात नहीं चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है।कैलास मंदिर का निर्माण आठवी शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण प्रथम के द्वारा किया गया था। कैलास मंदिर एलोरा गाँव के पास स्थित है जिसको वास्तुकला के इतिहास में सबसे आश्चर्यजनक ‘इमारतों’ में से एक माना जाता है। कैलाश मंदिर के बारे में महाराष्ट्र के लोगों का कहना है कि,इस मंदिर का निर्माण एक सप्ताह के अंदर किया गया था।इस मंदिर की कहानी एक रानी से जुड़ी हुई है उसका पति बेहद बीमार था।

रानी से अपने पति के ठीक हो जाने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। इसके बदले में भगवान शिव से समर्पित एक मंदिर बनवाने की कसम खाई हर मंदिर पूरा होने तक उपवास रखा था।Letsdiskuss


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#अनसुना_रहस्य
सन 1682 में उस मुस्लिम शासक ने 1000 मजदूरों को इकट्ठा किया और इस मंदिर को तोड़ने का काम दिया,
मजदूरों ने 1 साल तक इसे तोड़ा,
1 साल लगातार तोड़ने के बाद वो सब इसकी कुछ मूर्तियाँ ही तोड़ सके,हार कर उस मुस्लिम शासक ने उन्हें वापस बुला लिया,
वो शासक था औरंगजेब, जिसकी मूर्ख सेना ये समझ बैठी थी कि ये कोई ईंट और मिट्टी से बना साधारण मंदिर है..
लेकिन उन्हें कहाँ पता था कि ये मंदिर हमारे पूर्वजों ने धरती की सबसे कठोर चट्टान को चीरकर बनाया है.
ये वही पत्थर है जो करोड़ों साल पहले धरती के गर्भ से लावे के रूप में निकला था और बाद में ठंडा होकर जमने से, इसने पत्थर का रूप लिया
कैलास मंदिर को U आकार में उपर से नीचे काटा गया है जिसे पीछे की तरफ से 50 मीटर गहरा खोदा गया है. पर आप सोचिये इतनी कठोर और मजबूत चट्टान को किस चीज़ से काटा गया होगा?..
हथौड़े और छेनी से??
आपको मंदिर की दीवारों पर छेनी के निशान दिख जायेंगे पर वहाँ के आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है कि ये छेनी के निशान बाद के हैं,..
जब पूरा मंदिर बना दिया गया ये बस किनारों को Smooth करने के लिए उपयोग की गयीं थी. इतनी कठोर बेसाल्ट चट्टान को खोद कर उसमे से इस मंदिर को बना देना कहाँ तक संभव है???
कुछ खोजकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की जटिल संरचना का आधुनिक तकनीक की मदद से निर्माण करना आज भी असंभव है.क्या वो लोग जिन्होंने इस मंदिर को बनाया आज से भी ज्यादा आधुनिक थे?..
ये एक जायज सवाल है
यहाँ कुछ वैज्ञानिक आँकड़ों पर बात कर लेते हैं,..
पुरातात्विदों का कहना है कि इस मंदिर को बनाने के लिए 400,000 टन पत्थर को काट कर हटाया गया होगा और ऐसा करने में उन्हें 18 साल का समय लगा होगा .
तो आइये एक सरल गणित की कैलकुलेशन करते हैं
माना की इस काम को करने के लिए वहाँ काम कर रहे लोग 12 घंटे प्रतिदिन एक मशीन की तरह कार्य कर रहे होंगे जिसमें उन्हें कोई ब्रेक या रेस्ट नहीं मिलता होगा वो पूर्ण रूप से मशीन बन गये होंगे .
तो अगर 400,000 टन पत्थर को 18 साल में हटाना है तो उन्हें हर साल 22,222 टन पत्थर हटाना होगा , जिसका मतलब हुआ 60 टन हर दिन और 5 टन हर घंटे .
ये समय तो हुआ मात्र पत्थर को काट कर अलग करने का...
उस समय का क्या जो इस मंदिर की डिजाईन, नक्काशी और इसमें बनाई गयीं सैंकड़ों मूर्तियों में लगा होगा.
एक प्रश्न जो और है वो ये है कि जो पत्थर काट कर बाहर निकाला गया वो कहाँ गया?? उसका इस मंदिर के आसपास कोई ढेर नहीं मिलता..
ना ही उस पत्थर का इस्तेमाल किसी दूसरे मंदिर को बनाने या अन्य किसी संरचना में किया गया,..
आखिर वो गया तो गया कहाँ??
क्या आप को अभी भी लगता है कि ये कारनामा आज से हजारों वर्ष पहले मात्र छेनी और हथौड़े की मदद से अंजाम दिया गया होगा.
राष्ट्रकूट राजाओं ने वास्तुकला को चरम पर लाकर रख दिया, जैसा कि बताया जाता है इस मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के राजा कृष्ण प्रथम(756 - 773) ने करवाया था.
यह मंदिर उस भारतीय वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है जिसका मुकाबला पूरी दुनिया में आज भी कोई नहीं कर सकता.
ये उस मुस्लिम शासक की बर्बरता और इस मंदिर के विरले कारीगरों की कुशलता दोनों को साथ में लिए आज भी खड़ा है और हमारे पूर्वजों के कौशल और पुरुषार्थ के सबूत देते हुए आधुनिक मानव को उसकी औकात दिखाते हुए कह रहा है कि दम है तो मुझे फिर से बनाकर दिखाओ.
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ये औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में भगवान शिव का मंदिर है...
जो एक पहाड़ को काटकर बनाया गया है और इसको बनाने में 200 साल लगे हैं।
अच्छे से अच्छा धरोहर हमारे देश मे हैं कभी इनपर ध्यान दीजिए।
?औरंगाबाद का कैलाश शिव मंदिर:
हम बात कर रहे हैं औरंगाबाद में स्थित भगवान शिव के इस मंदिर की.आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भगवान शिव के इस मंदिर के रहस्य के बारें में आज भी मात्र 10 से 15 प्रतिशत हिन्दू ही जानते हैं.लेकिन औरंगाबाद स्थित कैलाश मंदिर के बारें में बोला जाता है कि इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य यही है कि इसमें ईंट और पत्थरों का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
एक पहाड़ी को इस तरह से काटा गया है कि आज एक पहाड़ी ही मंदिर है.इस मंदिर को ऊपर से नीचे बनाया गया है.
जबकि आज इमारत हम नीचे से ऊपर बनाते हैं.
आज तक विज्ञान भी कैलाश मंदिर की इस सच्चाई का पता नहीं लगा पाया है कि किस तरह से और किस तरह की मशीनों से इस शिव मंदिर का निर्माण किया गया होगा.
भारत तो दूर की बात है अमेरिका, रूस के वैज्ञानिक भी ऐसा बोलते हैं कि इस मंदिर को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे मंदिर स्वर्ग से बना-बनाया ही उतारा गया हैं.
वेदों में बौमास्त्र नामक एक अस्त्र लिखा गया गया है जो शायद इस तरह के निर्माण को कर सकता था.
इस मंदिर के निर्माण में 40 हजार टन भारी पत्थर का निर्माण किया गया है तब जाकर 90 फीट ऊँचा मंदिर बना है.
वहीँ इस मंदिर को बनाने में कुछ 7000 लोगों ने काम किया है और 150 साल इस मंदिर को बनाने में लगे हैं.
औरंगाबाद का यह शिव मंदिर इतना शक्तिशाली बताया जाता है कि यहाँ कई तरह की बिमारियों का ईलाज शिव के दर्शन मात्र से ही खत्म हो जाते हैं ऐसा बताया जाता है.
वहीँ मंदिर में कई रहस्मयी गुफाएं हैं जहाँ कहते हैं कि शिव से जुड़े कई राज इन गुफाओं में हैं लेकिन आज इनको बंद कर रखा है।
!! *हर हर महादेव* !!
श्री महादेव सदैव आपकी स्मृति में रहें!!
|| श्री महादेव शरणम् मम्: ||

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और पढ़े- पशुपतिनाथ मन्दिर के बारें में बताइये ?


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कैलाश मंदिर महाराष्ट्र की इला गंगा नदी के पास एक छोटा सा गांव एलोरा गांव वहां पास कैलाश मंदिर स्थित है कैलाश मंदिर देखने में जितना ही अद्भुत और विशाल है उतना ही यह मंदिर रहस्यमय हैं कुछ सालों पहले इस मंदिर को आम जनता के लिए खोला गया था लेकिन फिर कुछ समय के बाद इस गुफा को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था कैलाश मंदिर में शिव की पूजा की जाती थी कुछ लोगों का कहना है कि कैलाश मंदिर की गुफाओं को अंग्रेजों ने बंद करा दिया था और बताया गया है कि इन गुफाओं के अंदर छोटे-छोटे कैमरे लगे हुए हैं और आपको बता दें कि कैलाश मंदिर की ऊंचाई 90 फीट, लंबाई 276 फिट और चौड़ाई 54 फिट है इतिहास और साहित्य में इस मंदिर का निर्माण श्री कृष्ण की पहली पत्नी नाइस 756 ई से लेकर 773 ई. तक करवाया था। वैज्ञानिकों के अनुसार इन पहाड़ों से करीब 40000 तन भरी पत्थरों को काटा गया होगा तब जाकर 90 फीट ऊंचा मंदिर बना है।Letsdiskuss


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क्या आप जानते हैं कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है, शायद आपको नहीं पता होगा तो कोई बात नहीं चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है।कैलास मंदिर का निर्माण आठवी शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण प्रथम के द्वारा किया गया था। सन 1682 में उस मुस्लिम शासक ने 1000 मजदूरों को इकट्ठा किया और इस मंदिर को तोड़ने का काम दिया, है।

मजदूरों ने 1 साल तक इसे तोड़ा,

1 साल लगातार तोड़ने के बाद वो सब इसकी कुछ मूर्तियाँ ही तोड़ सके,हार कर उस मुस्लिम शासक ने उन्हें वापस बुला लिया, था। पत्थर है जो करोड़ों साल पहले धरती के गर्भ से लावे के रूप में निकला था और बाद में ठंडा होकर जमने से, इसने पत्थर का रूप लिया

कैलास मंदिर को U आकार में उपर से नीचे काटा गया है जिसे पीछे की तरफ से 50 मीटर गहरा खोदा गया है। ये है कैलाश मन्दिर का रहस्य । Letsdiskuss


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कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है।कैलास मंदिर का निर्माण आठवी शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण प्रथम के द्वारा किया गया था। कैलास मंदिर एलोरा गाँव के पास स्थित है जिसको वास्तुकला के इतिहास में सबसे आश्चर्यजनक ‘इमारतों’ में से एक माना जाता है।वहीँ इस मंदिर को बनाने में कुछ 7000 लोगों ने काम किया है और 150 साल इस मंदिर को बनाने में लगे हैं।Letsdiskuss

औरंगाबाद का यह शिव मंदिर इतना शक्तिशाली बताया जाता है कि यहाँ कई तरह की बिमारियों का ईलाज शिव के दर्शन मात्र से ही खत्म हो जाते हैं ऐसा बताया जाता है।

वहीँ मंदिर में कई रहस्मयी गुफाएं हैं जहाँ कहते हैं कि शिव से जुड़े कई राज इन गुफाओं में हैं लेकिन आज इनको बंद कर रखा है।एक पहाड़ी को इस तरह से काटा गया है कि आज एक पहाड़ी ही मंदिर है.इस मंदिर को ऊपर से नीचे बनाया गया है।


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दोस्तों क्या आप जानते हैं कि कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के में बताते हैं कि कैलाश मंदिर का रहस्य क्या है।कैलास मंदिर का निर्माण आठवी शताब्दी में राष्ट्रकूट वंश के नरेश कृष्ण प्रथम के द्वारा किया गया था। कैलास मंदिर एलोरा गाँव के पास स्थित है।शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जाे एक अजूबा ही नही बल्कि एकलाैता भी है। जाे सह्याद्री पर्वत पर बने एलाेरा की गुफाओं में से एक गुफा में कैलास मंदिर है,कैलास मंदिर में रामायण और महाभारत जैसे महान ग्रंथ रचे हाेंगे। आखिर कैलासवासि का वाे काैनसा पुजारी हाेगा जिसने 200 सालाें तक लगातार काम करने और सात पीढ़ीयाें के खप जाने के बाद खाता खिचा हाेगा।कैलाश मंदिर के बारे में महाराष्ट्र के लोगों का कहना है कि,इस मंदिर का निर्माण एक सप्ताह के अंदर किया गया था।इस मंदिर की कहानी एक रानी से जुड़ी हुई है उसका पति बेहद बीमार था।Letsdiskuss


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सायद हम और आप में से ऐसे बहुत से लोग होंगे जो कैलाश मंदिर के बारे में शायद ही जानते होंगे यदि आप कैलाश मंदिर के बारे में जानते हैं तो अच्छी बात है और जिन लोगों को कैलाश मंदिर के बारे मे मालूम नहीं है तो मैं उन लोगों को कैलाश मंदिर के रहस्य के बारे में बताऊंगी।मै आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की कैलाश मंदिर एलोरा के पास स्थित है। इस मंदिर को सबसे आश्चर्यजनक मंदिर माना जाता है। महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों का कहना है कि इस मंदिर की कहानी एक रानी से जुड़ी हुई थी जिसमें बताया जाता है की रानी का राजा बहुत बीमार था। तब रानी ने अपने पति को ठीक करने के लिए एक संकल्प लिया उसने कहा कि यदि उसका पति ठीक हो जाएगा तो वह यहां पर एक मंदिर का निर्माण कराएगी और तब तक उपवास करेगी जब तक मंदिर का निर्माण नहीं होगा इस प्रकार इस मंदिर का निर्माण एक सप्ताह के अंदर हो जाता है और रानी का राजा भी ठीक हो जाता है इस प्रकार यह मंदिर बेहद ही फेमस मंदिर है।

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