क्या आप जानते हैं सबरीमाला मंदिर क्यों प्रसिद्ध है शायद नहीं जानती होंगे तो चलिए आज इस पोस्ट के माध्यम से बताते हैं कि सबरीमाला मंदिर क्यों प्रसिद्ध है।यह मंदिर केरल में स्थित है।मान्यता है कि श्रद्धालु तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहन, व्रत रख और सिर पर नैवेद्य लाते हैं। इससे उनकी इच्छाएं पूरी हो जाती है। भक्तों के लिए मान्यता है कि वह तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर कर आते हैं। इस मंदिर में श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं जिसे नैवेद्य कहा जाता है। इसमें भगवान को चढ़ाए जाने वाली सारी सामग्री होती है।भगवानी आयप्पा के दर्शन के लिए 41 दिन पहले से तैयारी करनी होती है। इस पूरी तैयारी को भक्ति मंडम व्रतम कहा जाता है,जिसे भक्ति करते हैं।मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय पर अपने सिर पर एक पल्लीकेट्टू रखना अनिवार्य है। पल्लीकट्टू एक कपड़े का थैला होता है।जिसमें गुड़,नारियल और चावल समेत अन्य प्रसाद रखा रहता है।जिस दिन उन्होंने महल छोड़ा उस दिन मकर सक्रांति का दिन था | इसके चलते आज भी हर वर्ष मकर संक्रांति के दिन पंडालम राजमहल से अय्यप्पा के आभूषणों को एक संदूकों में रखा जाता है, और शोभायात्रा निकली जाती है | यह शोभायात्रा 90 किलोमीटर की यात्रा को पूरा कर के 3 दिन में सबरीमाला पहुंचती है | कुछ मान्यता है, कि कांतामाला पहाड़ की चोटी कुछ असाधारण चमकने वाली ज्योति दिखाई देती है |