विजय दशमी में -सिंदूर खेला- का क्या महत्...

| Updated on October 18, 2018 | Astrology

विजय दशमी में -सिंदूर खेला- का क्या महत्व है?

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@kanchansharma3716 | Posted on October 29, 2025

विजय दशमी में सिंदूर खेला का बहुत महत्व है | सिंदूर खेला उत्सव विजय दशमी के दिन मनाया जाता है | जैसा कि विजय दशमी नवरात्रों के दसवें दिन मनाया जाने वाला एक उत्सव है | जिसको दशहरा भी कहते है | सभी ये जानते है, कि दशहरा क्यों मनाया जाता है | दशहरा बुराई पर अच्छे की जीत का प्रतीक माना जाता है |

'सिंदूर खेला' का क्या महत्व :-

विजय दशमी पर सिंदूर खेला का क्या महत्व है, हम आपको बताते हैं | यह मान्यता 400 साल पुरानी है, जिसके अंतर्गत यह कहा जाता है, कि माता अपने मायके आती है, और कुछ दिन यहाँ रुक कर वापस अपने ससुराल शंकर जी के पास चली जाती है | जब वो शंकर जी के पास जाती है, तो उनकी विदाई के रूप में नवरात्रों के दसवें दिन विजय दशमी मानते हैं |

विजय दशमी के उपलक्ष्य में सभी सुहागनें माता की पूजा करती हैं, उनको पान और मिठाई का भोग लगाती हैं, और उनको उनके ससुराल जाने के लिए एक सुहागन की तरहपूरा तैयार करती हैं | सुहाग की सारी चीज़ें उनको पहनती हैं, और उनकी मांग लाल सिंदूर से भरती हैं | इसके बाद सभी सुहागन महिलाएं उनकी विदाई को एक उत्सव की तरह मनाती हैं, और सिंदूर की होली खेलती हैं | मान्यता है, कि माता का ये उत्सव सभी सुहागन के सुहाग को लंबी उम्र प्रदान करता है | अगर सिंदूर खेला में किसी कुवारी लड़की को यह सिंदूर लगा दिया जाए तो उनकी शादी जल्दी होती है |

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विजय दशमी 'दशमी' को ही क्यों मानते हैं ?

- विजय दशमी "दशमी" को मानाने के लिए कुछ विशेष मान्यता है | शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है, जब राम और रावण का युद्ध हुआ तब राम ने पूरे नौ दिन माता की पूजा की और और नवमीं के दिन रावण का वध किया | दशवें दिन रावण का अंतिम संस्कार किया इसलिए बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए विजय दशमी "दशमी" के दिन मनाई जाती है |

- एक मान्यता यह भी कि जब महिसासुर ने पूरी पृथ्वी और ब्रह्माण्ड पर अपना आतंक मचा दिया था तब सभी देवताओं ने अपनी शक्तियां मिलकर माता दुर्गा का निर्माण किया और माता दुर्गा ने दशमी के दिन महिसासुर का वध किया | उनकी इस विजय को विजय दशमी के नाम से जाना जाता है |

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