मच्छर से कई तरह की बीमारियां होती है और मलेरिया उन्हीं में से एक है। मलेरिया सिर्फ गंदगी के कारण होता है। आसपास फैली गंदगी से मच्छर होते हैं और यही मच्छर मलेरिया रोग का कारण बनते हैं। जिनसे शरीर में कई बीमारियां पैदा होने लगती है ।अगर वक्त पर मलेरिया का इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
मलेरिया के लक्षण – Symptoms of Malaria
• अचानक तेज सिरदर्द होता है ।
• बार-बार उल्टी या जी-मिचलाना जैसा महसूस करोगे ।
• तेज बुखार चढ़ जाता है ।
• बार-बार ठंड लगकर बुखार आता है ।
• बार-बार प्यास लगना और हाथ-पैर में ऐंठन महसूस करना ।
• थकान,घबराहट या कमजोरी लगने लगती है ।
• शरीर में खून की कमी हो जाती है ।
अदरक
• आपको हर घर में अदरक आसानी से मिल जायेगी, इसमें जिन्जेरॉल (gingerol), एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
• जो आमतौर पर सर्दी खासी जुखाम भगाने में मदद करता है,मगर यह मलेरिया जैसी बड़ी बीमारियों के लिए भी फायदेमंद है ।
• अदरक को छोटे-छोटे टुकड़े पानी में उबाल लें और उसे छान कर पिएं ।
पपीता का पत्ता
• भले ही पपीता और इसके पत्तें स्वाद में थोड़े कड़वे लगते हो मगर पेट से लेकर त्वचा तक के लिए यह एक सबसे अच्छा इलाज है ।
• डेंगू में तो आपने इसका फायदा सुना ही होगा लेकिन मलेरिया में भी यह बहुत काम आता है ।
• आप पपीते के पातें की चाय या जूस बन कर पिएं,आप स्वाद बढ़ने के लिए जूस में शहद मिला सकते है ।
• आप पूरे दिन में इसे एक से दो बार इस्तेमाल करें ।
नीम
• नीम के गुणो की तुलना किसी और औषधि से नहीं जा सकती है, यह चेहरा,बाल आँख और खून साफ़ करने में मदद करता है ।
• इसके एंटी-मलेरियल और एंटी-प्लाज्मोडियल गुणों के कारण यह काफी हद तक मलेरिया में बुखार होने पर राहत दिलाता है ।
• नीम के पत्तों को काली मिर्च के साथ पीस लें और इसमें पानी मिला दें उसके बाद 5 से 10 मिनट बाद आप इसे छान कर पी लें ।

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और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है जिसमें अफ्रीका और एशिया के ज्यादातर देश शामिल हैं। भारत में यह रोग पूरे वर्ष रहता है हालांकि मच्छर प्रजनन के कारण बारिश के दौरान और बारिश के बाद यह रोग अधिक लोगों को होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया में कुल मलेरिया के मामलों में से 77 प्रतिशत मामले भारत में हैं। यह रोग मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, गोवा, दक्षिणी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रचलित है। यह एक ऐसा रोग है जिसमें रोगी को सर्दी और सिरदर्द के साथ बार-बार बुखार आता है, बुखार कभी कम हो जाता है और कभी दोबारा आ जाता है तथा गंभीर मामलों में रोगी कोमा में चला जाता है और उसकी मृत्यु तक हो जाती है।

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