Student ( Makhan Lal Chaturvedi University ,Bhopal) | Posted on
होली रंगों का त्यौहार है, और इस दिन को लोग बड़े ही हर्ष के साथ मनाते हैं । इस दिन हर रंग कुछ कहता है हरे, पीले, लाल, गुलाबी सभी रंगों का मेल इस दिन और भी रंगीन बना देता है । अगर इस बात के बारें में बात करें कि होली क्यों मनाते हैं तो होली के त्यौहार को बुराई में अच्छाई की जीत मानी जाती है ।साथ ही फागुन माह के आने कि ख़ुशी में होली मनाई जाती है इसलिए इसको कहीं कहीं फग्वाह भी कहा जाता है। होली शब्द की उत्पत्ति "होला" शब्द से हुई है जिसका अर्थ है भगवान् की पूजा करना ताकि फसल अच्छी हो ।
(इमेज - गूगल)
एक मान्यता के अनुसार होली के दिन हिरण्यकश्यप की बहिन होलिका अपने भतीजे प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई । होलिका को वरदान तह कि वह आग से कभी नहीं जलेगी जिसके कारण वो प्रह्लाद को मारने के लिए उसके साथ आग पर बैठ है परन्तु प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था जो कि भगवान की भक्ति में लीन था । होलिका ने एक चिता बनवाई और वह प्रहलाद को लेकर बैठ गई , प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका चिता में जलकर मर गई । इसलिए इस दिन होलिका दहन की परंपरा है।
होली पूजा :-
0 Comment