आज कल के समय में सभी लोग वास्तु के हिसाब से ही घर बनवाते हैं । अगर भारतीय वास्तु के आधार पर देखें तो घर को बनवाया ही वास्तु के हिसाब से जाता है । घर में किचन से लेकर शयन कक्ष तक सबकी जगह दिशा के आधार पर निर्धारित होती है । कौन सी चीज़ कहाँ बनवानी है ये वास्तु के हिसाब से पहले ही निर्धारित हो जाता है , अगर चीनी वास्तु की बात करें तो इस शाश्त्र में घर में कुछ-कुछ यन्त्र लगाए जाते हैं ।
अगर आप वास्तु को मानते हैं तो आपको कुछ वास्तु के नियमों को नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए , क्योकि अक्सर ऐसा होता है कि लोग वास्तु को मानते हैं परन्तु कई-कई जगह वो ऐसी कुछ गलती कर बैठते हैं जो उनके लिए भारी पड़ जाती है । आइये आपको कुछ नियम बताते हैं , जिनका पालन आपके जीवन जरुरी है ।
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- जब भी आप घर खरीदते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि घर का मुख्य दरवाजा पूर्वी ईशान, उत्तरी ईशान, दक्षिणी आग्नेय (पूर्व और दक्षिण के बीच की दिशा ) और पश्चिमी वायव्य (उत्तर और पश्चिम दिशा के बीच ) में होना शुभ होता है ।
- आपके घर के मुख्य द्वार के सामने बिजली का खम्मा या कोई पेड़ नहीं होना चाहिए , यह आपके घर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है ।
- बाथरूम का दरवाजा मुख्य द्वार के सामने नहीं होना चाहिए , यह अशुभ माना जाता है ।
- घर की बालकनी उत्तर-पूर्वी दिशा की तरह चाहिए , इससे सकारात्मक प्रभाव बना रहता है ।
- घर का दरवाजा हमेशा अंदर को खुलना चाहिए और मुख्य दरवाजा सभी दरवाजों से बड़ा होना चाहिए ।
- किचिन की दिशा ईशान कोण (उत्तर और पूर्वी दिशा ) के बीच नहीं होनी चाहिए ।
- घर के सामने की तरफ सीढ़ी नहीं होना चाहिए , अर्थात अगर घर के अंदर आने के लिए सीढ़ी बनाना पड़े तो वो सामने न हो साइड में हो ।
- पूजा कक्ष कभी सोने वाली जगह में नहीं होना चाहिए , अगर पूजा घर बनाना चाहते हैं तो आप ईशान कोण में बनाएं यह शुभ होता है ।
यह कुछ
वास्तु के नियम है, जिनका पालन करना आपके जीवन के लिए महत्वपूर्ण है ।
(Courtesy : whatsuplife )