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Rohit Valiyan

Cashier ( Kotak Mahindra Bank ) | Posted on | Education


क्या लगता है वर्तमान मे शिक्षा एक व्यापार बनता जा रहा है,शिक्षा का क्या महत्व रह गया है ?


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Content Writer | Posted on


नमस्कार रोहित जी,आपका सवाल तारीफ के काबिल है क्योकि वर्तमान समय मे सब जहा इतने व्यस्त है के किसी को किस से कोई मतलब नहीं वही आपके इस सवाल से शायद लोग कुछ समय निकल कर एक पल के लिए ये सोचे के पढाई आज के वर्तमान मे क्या और कितना महत्व रखती है |
मानव जीवन मे वर्तमान समय मे शिक्षा का महत्व समझा पाना बहुत ही मुश्किल है क्योकि शिक्षा का मतलब आज के समय मे कुछ नहीं रह गया | आज कल के बच्चे पढाई ने नाम पर स्कूल मे सिर्फ मस्ती मजा करने जाते है | और वही शिक्षक भी ऐसे ही है जो पढाई ठीक से नहीं करवाते है और कही तो सरकारी स्कूल मे तो ये हाल है के वह के टीचर बच्चो से अपने व्यक्तिगत काम करवाते है |
शिक्षा का महत्व बस वर्तमान मे इतना है महंगा स्कूल,महंगी किताबे,महंगा स्कूल ड्रेस,बस एक फैशन बन गया है | पढाई के नाम पर दुनिया भर के विषय जोड़ दिए जाते है | जो विषय कभी किसी ने देखा नहीं सुना नहीं वो विषय जोड़ दिए जाते है | कैसे पढ़ेंगे बच्चे इनको ये समझ नहीं आता |
सबसे बड़ी परेशनी माँ-पिता को ये हो जाती है क जो विषयो के नाम तक उनको नहीं पता वो उनके बच्चे का विषय है | अब उनको अपने बच्चो के लिए स्कूल के साथ साथ कोचिंग क्लास भी लगवाना जरुरी हो जाता है |
पहले ही स्कूल के इतने खर्च उस पर कोचिंग | उसके बाद जो शिक्षक स्कूल मे पड़ाता है वही उस विषय की क्लास घर मे देते है | स्कूल की फीस भी दे और कोचिंग की फीस भी | स्कूल के नाम पर व्यापर चला रहे है लोग |
उच्च स्तर के लोग वो चाहे अपने बच्चो को कही भी पढ़ा सकते है कितना भी पैसा लगा सकते है अपने बच्चो पर ,माध्यम स्तर के लोग अपने और खर्चे रोक कर मैनेज करने की कोशिश करते है ,परन्तु निम्न स्तर के लोग जिनको खाना भी बहुत मुश्किल है वो अपने बच्चो को कैसे पढ़ाये | स्कूल के नाम पर व्यापार चल रहा है |
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Occupation | Posted on


आज कल की शिक्षा एक व्यापार बनती जा रही है, शिक्षा का कोई महत्व नहीं रह गया। क्योंकि आज कल प्राइवेट स्कूलो मे बच्चो की फीस इतनी ज्यादा लेते है कि लोग अपने बच्चो को पढ़ाने के लिए कितनी मेहनत से पैसा इकट्ठा करके फीस भरते है लेकिन स्कूलों सिर्फ फीस लेते है बच्चो को सही ठंग से पढ़ाते नहीं है सिर्फ मज़ाक मस्ती, खेल कूद करवाने मे ही समय बर्बाद कर देते है, ना तो बच्चे और ना ही शिक्षक दोनों शिक्षा कोई महत्व नहीं समझ रहे है।

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और पढ़े- Central university में शिक्षकों के कितने Post खाली हैं ?


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आज के समय में शिक्षा का कोई महत्व ही नहीं रह गया है लोग शिक्षा को व्यापार बना दिए हैं लोग शिक्षा के महत्व को पहचानने की कोशिश ही नहीं करते हैं बस उन्हें पैसों से मतलब होता है अक्सर हम देखते हैं कि सरकारी स्कूलों में बच्चों को शिक्षा का अच्छे से पढ़ाते नहीं हैं क्योंकि उनके मन में यह विचार रहता है कि हमें तो सैलरी मिल ही रही है चाहे बच्चों को ज्ञान मिले या ना मिले इससे हमें क्या लेना देना है और वहीं दूसरी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के माता-पिता से पैसा लिया जाता है बच्चों को पढ़ाने के लिए लेकिन इस स्कूल में होता क्या है की जब टीचर बच्चों को पढ़ाते हैं उनका मन यहां वहां की बातों में लगा कर टाइम पास कर लेते हैं और समय खत्म होने पर चले जाते हैं इस तरह में बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जाता है। और शिक्षक का पड़ा लिखे होने का कोई महत्व नहीं होता है।Letsdiskuss


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दोस्तों यहां पर प्रश्न किया गया है कि क्या वर्तमान में शिक्षा एक व्यापर बनता जा रहा है और शिक्षा का क्या महत्व रह गया है तो हम आपको बता दें कि वर्तमान समय में आज के स्कूलों बच्चों को शिक्षा तो दी जा रही है लेकिन उन स्कूलों की फीस इतनी अधिक है कि बच्चों के माता-पिता को फीस देने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चों के जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि शिक्षा बच्चों को उन्नति की ओर ले जाती है और समाज के प्रति सशक्त बनाती है।

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जी हां यह बिल्कुल सही है कि वर्तमान समय मे शिक्षा एक व्यापार बनता जा रहा है, आज के वर्तमान समय मे शिक्षा का महत्व कोई नहीं समझ रहा है यहाँ तक कि आज कल के बच्चे भी शिक्षा क़ो नहीं समझ पा रहे है स्कूल जाते है लेकिन स्कूल मे बच्चे सिर्फ टाइमपास करने जाते है पढ़ाई करने के बजाय बच्चे स्कूल मे खेल-कूद प्रतियोगिता मे भाग लेकर टाइम बर्बाद करते है।


वही वर्तमान समय मे शिक्षक भी शिक्षा क़ो व्यापार समझते है, खास कर सरकारी स्कूल के शिक्षक ज़ब मन किया क्लास मे बच्चो क़ो पढ़ाने के लिए गए ज़ब मन नहीं करता नहीं जाते क्लास मे बच्चों क़ो पढ़ाने के लिए क्योकि उन्हें समय से सैलरी मिल ही जाती है।

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